Cashless Treatment To Road Crash Victims: भारत सरकार में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी के लिए एक महत्वपूर्ण योजना का ऐलान किया है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत का रिकॉर्ड इतना बुरा है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शर्मिंदा होना पड़ता है. उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह स्वीकार किया कि उनके मंत्रालय के तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आई है. बल्कि इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हुई है.


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समाज का सहयोग जरूरी
गडकरी ने कहा, "जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, लोगों का व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर नियंत्रण पाना संभव नहीं होगा." उन्होंने बताया कि हर साल देश में 1.7 लाख से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. गडकरी ने यह भी कहा, "इतने लोग न तो युद्ध में मरते हैं, न कोविड-19 से, और न ही दंगों में."


अपना मुंह छिपाना पड़ता है
सड़क दुर्घटनाओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए गडकरी ने कहा, "मैं जब अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में जाता हूं, तो मुझे अपना मुंह छिपाना पड़ता है. हमारा रिकॉर्ड सबसे बुरा है." उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें और स्कूलों आदि में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए परिवहन विभाग से सहयोग लें. 


नीति आयोग की रिपोर्ट में आया सामने 
गडकरी के अनुसार नीति आयोग की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि सड़क हादसों के शिकार 30 प्रतिशत लोगों की मौत जीवन रक्षक उपचार न मिल पाने के कारण होती है. उन्होंने बताया कि इस समस्या को हल करने के लिए 'कैशलैस उपचार योजना' शुरू की गई है. जिसमें उत्तर प्रदेश में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. जिसे बाद में पूरे देश में लागू किया जाएगा.


DL की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
केंद्रीय मंत्री ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, "दुनिया में जहां सबसे आसान तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है. वह देश भारत है. हम इस प्रक्रिया में सुधार कर रहे हैं." लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करें और समाज में जागरूकता बढ़ाने का काम करें.


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