UP Madrasa: अब सिर्फ मजहबी तालीम का केंद्र नहीं रहेगा मदरसा, योगी सरकार ने तैयार किया मास्टरप्लान, होगा बड़ा बदलाव
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UP Madrasa: अब सिर्फ मजहबी तालीम का केंद्र नहीं रहेगा मदरसा, योगी सरकार ने तैयार किया मास्टरप्लान, होगा बड़ा बदलाव

Madrasa Education Reform: उत्तर प्रदेश में मदरसों की सूरत बदलने वाली है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसा शिक्षा में बड़े बदलाव पर जोर दिया है. उन्होंने मदरसा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधारों की जरूरत पर बल दिया.

UP Madrasa: अब सिर्फ मजहबी तालीम का केंद्र नहीं रहेगा मदरसा, योगी सरकार ने तैयार किया मास्टरप्लान, होगा बड़ा बदलाव

Madrasa Education Reform: उत्तर प्रदेश में मदरसों की सूरत बदलने वाली है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसा शिक्षा में बड़े बदलाव पर जोर दिया है. उन्होंने मदरसा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधारों की जरूरत पर बल दिया. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. इसमें कहा गया है कि सीएम योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की मदरसा शिक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मदरसा.. महज मजहबी शिक्षा के केंद्र बनकर न रह जाएं. वहां पढ़ रहे छात्रों को आधुनिक शिक्षा का भी लाभ मिले.

मदरसा की शिक्षा पर सीएम योगी का फोकस

उन्होंने जोर देकर कहा कि मदरसा शिक्षा को पारदर्शी, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक बनाया जाना चाहिए. मदरसा के हर एक विद्यार्थी का भविष्य उज्ज्वल हो और यह सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल सुधार नहीं बल्कि नवाचार और समावेशिता के माध्यम से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा में लाना है. ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग को समान अवसर और समुचित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.

बदलाव जरूरी है..

योगी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मदरसा बोर्ड की कामिल (स्नातक) व फाजिल (परास्नातक) स्तर की उपाधियों को असंवैधानिक घोषित कर दिये जाने से चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप मदरसों के पाठ्यक्रम में बदलाव और पाठयक्रम के अनुरूप शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों की अर्हता में परिवर्तन आवश्यक हो गया है.

शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर क्या बोले योगी?

मुख्यमंत्री ने कहा कि यही नहीं.. शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को भी निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की जरूरत है क्योंकि वर्तमान व्यवस्था में मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी पुनरीक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए. जिसमें बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त, न्याय एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विशेष सचिव सदस्य हों.

13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे

योगी ने कहा कि यह समिति मदरसों के सुचारू संचालन और शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा तथा विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बदलावों पर अपनी राय देगी. बयान के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान में कुल 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. बयान में बताया गया कि इन मदरसों में 9,979 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से आठवीं) और 3,350 माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा नौवीं से 12) के हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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