Polytechnic Exam 2025: लखनऊ से एक बड़ी और सकारात्मक खबर आ रही है. उत्तर प्रदेश में अब पॉलीटेक्निक परीक्षाओं की तस्वीर बदलने जा रही है. वो दौर अब बीत चुका, जब पेपर लीक और मूल्यांकन में लापरवाही की बातें आम थीं. अब सब कुछ होगा हाईटेक और पारदर्शी और ये बदलाव सिर्फ सिस्टम में नहीं, बल्कि छात्रों के भरोसे में भी दिखाई देगा.
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UP Polytechnic Exam 2025: उत्तर प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों की परीक्षाएं अब और अधिक पारदर्शी और हाईटेक होंगी. राज्य सरकार ने परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए लखनऊ में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से सभी परीक्षा केंद्रों की लाइव निगरानी का फैसला लिया है. इसके साथ ही प्रश्नपत्रों को गुप्त कोड में भेजने और कॉपियों के डिजिटल मूल्यांकन की व्यवस्था भी शुरू की जा रही है.
गुप्त कोड में भेजे जाएंगे प्रश्न पत्र
अब परीक्षा के प्रश्न पत्र सीधे ईमेल के जरिए केंद्रों पर भेजे जाएंगे लेकिन गुप्त कोड में. परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक पासवर्ड की मदद से उसे डिकोड कर छात्रों को वितरित करेंगे. इससे पेपर लीक की संभावनाएं लगभग खत्म हो जाएंगी.
डिजिटल होगा कॉपियों का मूल्यांकन
प्रश्नपत्र ही नहीं, अब छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी डिजिटल माध्यम से होगा. इससे मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी. इस बदलाव को लागू करने की सिफारिश एकेटीयू के कुलपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की थी, जिसे तकनीकी शिक्षा मंत्री ने मंजूरी दे दी है.
संस्थानों की होगी रैंकिंग, बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य
राज्य के सभी पॉलीटेक्निक संस्थानों की रैंकिंग के लिए "स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (SIRF)" पोर्टल लॉन्च किया गया है. इससे संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर नजर रखी जा सकेगी. साथ ही, अब छात्रों और स्टाफ की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी.
प्रयोगशालाओं का होगा आधुनिकीकरण, खाली पद जल्द भरेंगे
पॉलीटेक्निक संस्थानों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी. शिक्षकों और कर्मचारियों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा. साथ ही, उद्योगों से संपर्क कर छात्रों को रोजगार दिलाने के प्रयास भी तेज होंगे.
चार नए इंजीनियरिंग कॉलेजों के निर्माण में तेजी
गोंडा, बस्ती, मीरजापुर और प्रतापगढ़ में बन रहे नए इंजीनियरिंग कॉलेजों का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. भवन निर्माण पूरा न होने के कारण दूसरे जिलों में पढ़ रहे छात्रों को 31 मई तक नए परिसरों में शिफ्ट करने की योजना है.
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