Ganga Expressway: यूपी में बन रहे मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा किया जा चुका है. इसके हर हिस्से का काम ज्यादातर काम किया जा चुका है. जानें इसके बनने से किन शहरों, जिलों और गांव का सफर आसान हो जाएगा.
एक्सप्रेसवे से सफर आसान होता है और इससे रेलवे पर दबाव कम पड़ता है और लोग सड़क यात्रा की तरफ ध्यान देते हैं. एक शहर से दूसरे शहर में उद्योग के अवसरों को भी बढ़ावा मिलता है. ट्रकों और कंटेनरों के लिए एक्सप्रेसवे एकदम सही होते हैं, जिससे माल ढुलाई का काम भी आसान हो जाता है.
नए एक्सप्रेस वे बनने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं. क्योंकि इस लंबे चौड़े सड़क के किनारे बने ढाबे और स्टॉल्स को भी कमाई का जरिया मिलता है. आज हम बात कर रहे हैं यूपी के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेसवे के बारे में.
यूपी में बन रहे इस खास एक्सप्रेसवे का काम जारी है. यह एक्सप्रेसवे हापुड़,मेरठ, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ शामिल हैं.
कानपुर-लखनऊ रूट पर सोनिक स्टेशन के पास गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए रेलवे लाइन पर पुल निर्माण के बाद स्टील गर्डर लगाने का काम चल रहा है.गंगा एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की अनुमति होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 36230 करोड़ रुपये है. गंगा एक्सप्रेसवे, मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होगा और प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास खत्म होगा
खास बात है कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इनमें मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ शामिल हैं.
इस एक्सप्रेसवे पर 28 फ्लाईओवर, 381 अंडरपास और 126 छोटे पुल बनाए गए हैं.
इस एक्सप्रेसवे पर इमरजेंसी में फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भी इस पर उतारे जा सकेंगे. इसके लिए शाहजहांपुर में साढ़े 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है.
गंगा एक्सप्रेसवे को 7467 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जा रहा है. फिलहाल, यह एक्सप्रेसवे 6 लेन में बनाया जा रहा, लेकिन बाद में इसे 8 लेन तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है.
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 9 अलग-अलग लोकेशन पर जन सुविधा परिसर डेवलप किए जाएंगे. वहीं, मेरठ और प्रयागराज पर मुख्य टोल प्लाजा की योजना बनाई गई है. 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा प्रस्तावित हैं.
यह एक्सप्रेसवे दो राज्यों को जोड़ने का काम भी करेगा, जिससे दिल्ली और उत्तर प्रदेश का सफर और भी ज्यादा आसान हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे शुरू करने की प्लानिंग जुलाई 2025 में की जा रही है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.