कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप भी इस परियोजना को मंजूरी दे चुका है. अब पीआईबी और केंद्रीय कैबिनेट की सहमति का इंतजार है.
पीआईबी की बैठक इसी महीने मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अप्रैल के आखिरी तक पीआईबी की इस कॉरिडोर को लेकर बैठक होनी है. जिसमें यह प्रस्ताव रखा जाएगा. बैठक में इसे हरी झंडी दिखाए जाने के पूरे आसार हैं.
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इसको लेकर जरूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं.
राज्य सरकार की ओर से फेज-2 का जो प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया थ. उसमें पीआईबी ने समीक्षा में कुछ आपत्तियां उठाई थीं, जिनको दूर कर लिया गया है. अब इसको हरी झंडी का इंतजार है.
मेट्रो के दूसरे फेज के निर्माण होने के बाद चारबाग से बसंत कुंज तक मेट्रो फर्राटा भरती हुई नजर आएगी. लखनऊ मेट्रो फेज टू में कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे.
यह सभी कुल 11.2 किलोमीटर की दूरी में बनेंगे. इनमें 6.1 किलोमीटर में 7 अंडरग्राउंड स्टेशन बनेंगे जबकि 5 एलिवेटेड स्टेशन 4.3 किलोमीटर के होंगे.
कॉरिडोर में चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे. भूमिगत रूट की लंबाई 6.879 किमी होगी.
इसके बाद ठाकुरगंज, बालागंज, मूसाबाग, सरफराजगंज और बसंत कुंज एलिवेटेड होंगे. बसंत कुंज में मेट्रो डिपो भी बनेगा.
कॉरिडोर का निर्माण होने में 6 साल का समय लग सकता है. लेकिन इसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पीआईबी, केंद्र की मंजूरी के बाद इस पर काम तेज होगा.
लखनऊ मेट्रो पहले फेज में यरपोर्ट से मुंशी पुलिया तक चल रही है. इसकी कुल दूरी 22.87 किलोमीटर है. दोनों फेज मिलाकर मेट्रो करीब 34 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके एआई के चित्रण का हुबहू होने की पुष्टि नहीं करता है.