गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य तेजी से किया जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ को कुंभनगरी प्रयागराज से जोड़ेगा.
मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गंगा एक्सप्रेसवे का सबसे अधिक लाभ होगा. अभी हाल ही में यूपीडा द्वारा 9 दिसंबर को गंगा एक्सप्रेसवे की प्रोग्रेस रिपोर्ट आधिकारिक वेबसाइट पर शेयर की गई थी.
इस रिपोर्ट के अनुसार गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य 66 प्रतिशत पूरा हो गया है. बाकी 34 प्रतिशत का कार्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. सीएम योगी की इस महत्वकांक्षी परियोजना का कार्य नवंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा. नवंबर 2025 से गंगा एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां फर्राटे से दौड़ती नजर आएंगी.
एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और इसकी गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी. इसके लिए जिले में 1314 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे के प्रस्तावित रूट पर 26 अंडरपास का निर्माण किया जाना है. स्थानीय लोगों की मांग के आधार पर 5 से 6 स्थानों पर अंडरपास प्रस्तावित किए गए, जिनका कार्य चल रहा है.
कानपुर-लखनऊ हाईवे पर बसीरतगंज व कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर नेवरना में 1-1 फ्लाईओवर का काम चल रहा है. बता दें कि इसका कार्य भी 60 प्रतिशत पूरा हो गया है और सड़कों पर मिट्टी भरने का कार्य किया जा रहा है.
एक्सप्रेस वे बन जाने के बाद जिले से प्रयागराज तक की 211 किलोमीटर की दूरी मात्र ढाई घंटे में पूरी होगी.
मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे जिले की छह तहसीलों के 76 गांवों से होकर निकल रहा है. एक्सप्रेसवे के लिए जिले में 1314 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
शुरुआत में गंगा एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा. लेकिन बाद में इसे आठ लेन का किया जाएगा. एक्सप्रेसवे की गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा निर्धारित की जाएगी. दोनों तरफ के लेन की चौड़ाई लगभग 130 मीटर होगी.
दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए जाएंगे और 15 रैंप प्लाजा प्रस्तावित किए जाएंगे. 9 सुविधा परिसर बनाए जाएंगे, जिनमें फूड कोर्ट, शौचालय सुविधाएं आदि शामिल होंगी. एक्सप्रेसवे के साथ-साथ क्षेत्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.