KGMU to Charbagh metro Ambulance: लखनऊ में अब सिंगल मेट्रो चलाई जाएगी जो इमरजेंसी में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करेगी. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा. लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण में चारबाग से वसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के लिए पीआईबी की मंजूरी मिल गई है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी में चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर बनने के बाद मरीजों को भी राहत मिलेगी. अयोध्या रोड से आने वाले मरीज मुंशीपुलिया और कानपुर रोड से आने वाले मरीज आसानी से केजीएमयू पहुंच सकेंगे. आने वाले समय में मेट्रो का यूज एंबुलेंस की तरह होगा.
इसके साथ ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी आपात स्थितियों में मेट्रो का इस्तेमाल हो सकेगा. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा और सिंगल कोच वाली मेट्रो चलाई जाएगी. लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण में चारबाग से वसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के लिए पीआईबी की मंजूरी मिल गई है. बस केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगनी बाकी है. मुहर लगने के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा.
यह कॉरिडोर साल 2029 तक पूरा करने की तैयारी है. इस रूट पर मेट्रो शुरू होने के बाद मरीजों को भी काफी राहत मिलेगी. कई बार PGI और KGMU में आपसी समन्वय बनाकर मरीजों का ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया जाता है.
इसके लिए सड़क मार्ग से ऐंबुलेंस के जरिए ऑर्गन पहुंचाए जाते हैं. जिसमें कई तरह की परेशानी आती है. इस कॉरिडोर के बनने के बाद आसानी से और जल्दी ऑर्गन पहुंचाए जा सकते हैं.
केजीएमयू के पास मेट्रो स्टेशन तैयार होने के बाद इमरजेंसी में मेट्रो रूट पर भी चारबाग और अमौसी तक ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की जा सकती है. इस इंतजाम से करीब 20 मिनट का समय बचेगा. कॉरिडोर पूरा होने के बाद UPMRC अधिकारी केजीएमयू और पीजीआई के अधिकारियों से बात कर ग्रीन कॉरिडोर की रूपरेखा तैयार करेंगे.
इस कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे. 7 अंडरग्राउंड स्टेशन (चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, पांडेयगंज, अमीनाबाद, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक). पांच एलिवेटेड स्टेशन होंगे (ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, वसंतकुंज और मूसाबाग).
प्रॉजेक्ट की अनुमानित लागत 5,801 करोड़ रुपये है. चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो रूट 11.165 किमी लंबा होगा. 4.286 किलोमीटर ट्रैक एलिवेटेड होगा. अंडरग्राउंड ट्रैक 6.879 किमी का होगा.
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