उत्तर प्रदेश सरकार अब नगर पालिकाओं को स्मार्ट बनाने की दिशा में काम कर रही है. स्मार्ट सिटी मॉडल पर आधारित इस योजना के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया गया है.
स्मार्ट नगर पालिकाएं "ईज ऑफ लिविंग" के मानकों पर विकसित की जाएंगी. इसमें डिजिटल गवर्नेंस, स्मार्ट पार्किंग और लाइटिंग मैनेजमेंट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी.
हर नगर पालिका में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICC) की स्थापना की जाएगी. ये केंद्र शहर की निगरानी और प्रबंधन में अहम भूमिका निभाएंगे. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पूरे शहर की निगरानी एक ही जगह से हो सकेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शामिल इस परियोजना के तहत नागरिक सुविधाओं का अत्याधुनिक रूप से विकास किया जा रहा है, प्रदूषण नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.
शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या के समाधान के साथ लगातार बिजली और पानी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही सड़क किनारे पटरी पर दुकान चलाने वालों के लिए अलग वेंडिंग जोन भी विकसित किए जाएंगे.
स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत सीमेंटेड सड़कें, जंक्शन रीडिजाइनिंग, डिजिटल लाइब्रेरी, प्रदर्शनी स्थल और ऑडिटोरियम का निर्माण प्रस्तावित है.
सस्टेनेबल डेवलपमेंट के दृष्टिकोण से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, विशेषकर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा. पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी जाएगी.
प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लिए नई प्रणाली तैयार की जाएगी. इसमें सीसीटीवी सर्विलांस, एआई आधारित चैटबॉट और इंटीग्रेटेड गोशाला मैनेजमेंट सिस्टम की सुविधाएं शामिल होंगी.
इस योजना से न केवल बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार, निवेश और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. शुरुआत के लिए 145 करोड़ रुपये की टोकन मनी स्वीकृत की जा चुकी है.
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