उत्तर प्रदेश सरकार ने 59 शहरों के लिए GIS (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम ) आधारित महायोजना तैयार की है. इससे शहरों का विकास वैज्ञानिक और डेटा-आधारित तरीके से किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले चरण में 35 शहरों के आधुनिकीकरण को स्वीकृति दे दी है. बाकी शहरों को जल्द योजना में शामिल किया जाएगा.
अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज और अलीगढ़ समेत कई शहरों में आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इन शहरों में आधारभूत ढांचा और नागरिक सेवाएं विकसित की जाएंगी.
इन शहरों में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से यातायात की अव्यवस्था नियंत्रित की जाएगी. साथ ही, बरसात के पानी की निकासी की प्रभावी व्यवस्था की जाएगी, ताकि सड़कें दुरुस्त रहें और बरसात के दिनों में भी यातायाता प्रभावित न हो.
GIS के आधार पर शहरों के विकास और उन्हें हाईटेक बनाने से अनियंत्रित और अव्यवस्थित शहरी विस्तार पर रोक लगेगी. सभी विकास कार्यों की दिशा पहले से तय होगी जिससे शहर सुनियोजित बनेंगे.
इन शहरों में ग्रीन बेल्ट बनाए जाएंगे और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा. इससे प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण संतुलन बना रहेगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया जाएगा. इससे नागरिकों को कहीं भी आने-जाने में सुविधा होगी.
इस लिस्ट में अयोध्या, अलीगढ़, सहारनपुर, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज, बरेली, गाजीपुर, रामनगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और मुजफ्फरनगर समेत अन्य शहर शामिल हैं. इन शहरों का GIS तकनीक से विकास करने से सेवा क्षेत्रों में हज़ारों लोगों को रोजगार मिलेगा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे.
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