बाराबंकी में इटौंजा-महोना-कुर्सी-देवा-चिनहट मार्ग का 4 लेन में चौड़ीकरण किया जाएगा. लगभग 27 किलोमीटर के इस कार्य के लिए 4 अरब 68 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिससे लखनऊ से बहराइच तक यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित बन सकेगी.
यह मार्ग कुर्सी, माती और चिनहट जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ेगा. इससे टाटा मोटर्स और अन्य उद्योगों को परिवहन की बेहतर सुविधा मिलेगी, जिससे औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी और निवेश के नए अवसर खुलेंगे.
इस परियोजना से कुर्सी, मित्तई, भिटौली, देवा, गोपालपुर जैसे कई गांवों और कस्बों को सीधा लाभ मिलेगा. सड़क संपर्क सुधरने से स्थानीय लोगों को व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच मिलेगी, जिससे समग्र ग्रामीण विकास संभव होगा.
45 किलोमीटर लंबे किसान पथ को क्रॉस करने वाले इस मार्ग से किसानों को भी फायदा मिलेगा. अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक आसानी से पहुंचाने की सुविधा बढ़ेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि की संभावना है और खेती-किसानी का दायरा भी बढ़ेगा.
लखनऊ से बहराइच, सीतापुर और बाराबंकी के बीच यात्रा का समय घटेगा. बेहतर सड़क सुविधा से यातायात में बाधा कम होगी, जिससे लोगों का समय बचेगा और दूरी तय करना अधिक सुविधाजनक व सुरक्षित हो जाएगा.
सड़क निर्माण के दौरान स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिलेगा और भविष्य में बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों से भी नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इससे बेरोजगारी दर में कमी आएगी और क्षेत्र के युवाओं को अपने ही जिले में नौकरियां मिलेंगी.
चौड़ी सड़क बनने से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवाओं तक पहुंच आसान होगी. आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस और दमकल वाहन भी तेजी से गांवों तक पहुंच सकेंगे, जिससे जनजीवन में सुधार आएगा.
बेहतर सड़क नेटवर्क से व्यापारियों को माल की आवाजाही में सुविधा होगी. इससे बाजारों का विस्तार होगा और स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी. व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
देवा शरीफ जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. अधिक संख्या में पर्यटक यहां आ सकेंगे, जिससे स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी और क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को नया विस्तार मिलेगा.
यह 4 लेन सड़क परियोजना न केवल क्षेत्र की भौगोलिक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी बल्कि समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी. इससे बाराबंकी, सीतापुर और बहराइच जिले विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.