Lucknow News: लखनऊ और आस-पास के जिलों वालों के लिए अच्छी खबर है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर-15 में 32 एकड़ में दूसरी आईटी सिटी विकसित करने जा रही है. वहीं बाराबंकी में नई टाउनशिप विकसित की जाएगी.
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर-15 में 32 एकड़ में दूसरी आईटी सिटी विकसित करने जा रही है. इसके लिए दो बड़े प्लाट (12 और 20 एकड़) बनाए गए हैं. इन प्लाटों को आईटी कंपनियों को नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा, जिनका उपयोग डाटा सेंटर और अन्य आईटी कार्यों के लिए होगा.
आईटी सिटी के लिए नीलामी में जो भी प्लाट खरीदेगा, उसे आईटी सेक्टर से जुड़ी कंपनी स्थापित करनी होगी. इससे लखनऊ में आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. यह परियोजना सरकार की डिजिटल और औद्योगिक विकास नीति का हिस्सा है.
बाराबंकी जिले में खजूर गांव एवं तिन्दोला गांव (तहसील नवाबगंज) में 158.79 एकड़ क्षेत्रफल में नई टाउनशिप विकसित की जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने योजना को मंजूरी दे दी है. यह क्षेत्रिक विकास और आवासीय सुविधा के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
बाराबंकी में टाउनशिप का विकास शालीमार कॉर्प लिमिटेड करेगी, जिसे राज्य सरकार की टाउनशिप नीति 2023 के तहत लाइसेंस और डीपीआर की मंजूरी दी गई है. शालीमार ने 90% भूमि खरीद ली है और बाकी भूमि आवास विकास परिषद अधिग्रहित करेगी. पांच साल में योजना पूरी करनी होगी.
लखनऊ की विभिन्न योजनाओं में जिन आवंटियों के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवंटन निरस्त हो गए हैं, उन्हें राहत दी गई है. अब वे एकमुश्त बकाया जमा कर दोबारा अपने फ्लैट के पुनर्जीवन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत मिलेगी.
करीब 400 से अधिक प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों ने एक भी किस्त जमा नहीं की थी, जिससे उनके फ्लैटों का आवंटन निरस्त कर दिया गया था. अब परिषद ने निर्णय लिया है कि वे एक बार फिर अपना आवंटन बहाल करा सकते हैं, यदि वे निर्धारित समय में पूरी राशि जमा करते हैं.
पहले फ्लैट पुनर्जीवन के लिए एक महीने की समयसीमा थी, अब यह अवधि बढ़ाकर एक साल कर दी गई है. इसके लिए आवंटियों को पुनर्जीवन शुल्क के रूप में पंजीकरण राशि का 40% (लगभग 2000 रुपये) देना होगा और साथ ही फ्लैट की पूरी कीमत एकमुश्त जमा करनी होगी.
प्रस्तावित टाउनशिप किसान पथ से जुड़ी होगी और इसे स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) का हिस्सा बनाया जाएगा. इससे टाउनशिप का लखनऊ और आस-पास के शहरी क्षेत्रों से सीधा संपर्क रहेगा, जिससे रहवासियों को यातायात, शिक्षा और रोजगार की बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी.
टाउनशिप की लैंडस्केपिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी, जिससे यह परियोजना एक मॉडर्न रेजिडेंशियल हब बन सकेगी. निजी निवेशक और सरकार मिलकर इसे सफल बनाएंगे, जिससे प्रदेश में शहरीकरण और आधारभूत ढांचे के विकास को गति मिलेगी.
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