लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 60 लाख विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जमा उस सिक्योरिटी मनी पर ब्याज देने का रास्ता साफ हो गया है, जिसे बिलिंग सिस्टम में शून्य दिखाया जा रहा था. उप्र विद्युत उपभोक्ता परिषद की आपत्ति के बाद बिजली कंपनियों ने इस संबंध में उप्र विद्युत नियामक आयोग में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. जल्द ही जमा सिक्योरिटी पर मिलने वाले ब्याज का लाभ उपभोक्ताओं को देने पर फैसला लिया जाएगा.


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सिक्योरिटी मनी बिलिंग सिस्टम में दिखी शून्य 
बता दें कि छह साल पहले राज्य के करीब साठ लाख विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जो सिक्योरिटी मनी जमा की गई थी वो बिलिंग सिस्टम में शून्य दिख रही थी. इस कारण से उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी राशि पर नियमानुसार मिलने वाला ब्याज नहीं मिल रहा था. इसका खुलासा करते हुए उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में प्रत्यावेदन दिया था.


नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से मांगा जवाब 
उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इन 60 लाख उपभोक्ताओं के जमा सिक्योरिटी पर ब्याज नहीं दिए जाने का मामला उठाया था. ब्याज न दिए जाने को विद्युत अधिनियम-2003 व विद्युत वितरण संहिता-2005 के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए बिजली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की थी. इस आधार पर नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से जवाब मांगा था.


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बिजली कंपनियों ने मानी अपनी चूक
इन उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी पर पिछले छह साल से ब्याज नहीं बन रहा था. बिलिंग सिस्टम में इनकी सिक्योरिटी जीरो दर्ज कर दिया गया था. बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग में जवाब दाखिल करते हुए इसे अपनी चूक मान ली है. विद्युत अधिनियम-2003 के तहत सभी विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरटी पर एक अप्रैल को बैंक दर पर हर साल ब्याज मिलने का प्राविधान है. कंपनियों ने आयोग के यह आश्वासन भी दिया है कि जल्द ही बिलिंग साफ्टवेयर को अपडेट करके उपभोक्ताओं को उनकी सिक्यूरिटी पर ब्याज देने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.


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