Lucknow News : यूपी के सरकारी कार्यालयों में ईयर फोन और हेडफोन के इस्‍तेमाल पर रोक लगेगी. घंटों ईयर फोन के इस्‍तेमाल से होने वाली दिक्‍कतों को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग चिंतित है. प्रमुख सचिव स्‍वास्‍थ्‍य ने सभी मंडलायुक्‍त और डीएम को पत्र लिखकर बिना वजह ईयरफोन के इस्‍तेमाल करने पर रोक लगाने को कहा है. 


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सभी मंडलायुक्‍त और डीएम को लिखा पत्र 
दरअसल, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी मंडलायुक्‍त और डीएम को पत्र लिखा है. उन्‍होंने लिखा कि बेवजह ब्‍लूट्रूथ, ईयरफोन और हेडफोन का उपयोग करने वालों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्‍होंने लिखा है कि बिना वजह ईयरफोन और हेडफोन इस्‍तेमाल करने वालों रोक लगाई जाए. घंटों ईयरफोन लगाए रखने से अस्‍थाई तौर पर सुनने की क्षमता भी खत्‍म हो रही है. 


दो घंटे से ज्‍यादा इस्‍तेमाल पर लगे रोक 
प्रमुख सचिव स्‍वास्‍थ्‍य विभाग पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि आवश्‍यकता पड़ने पर 50 डिसिमल वॉल्‍यू सहित ईयर फोन और हेडफोन का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. रोजाना दो घंटे से अधिक ईयर फोन इस्‍तेमाल पर रोक लगाई जाए. इतना ही नहीं बच्‍चों को ऑनलाइन गेमिंग और तेज आवाज में हेडफोन इस्‍तेमाल करने से रोकने की बात कही है. उन्‍होंने कहा कि एक बार सुनने की क्षमता जाने पर दोबारा श्रवण शक्ति नहीं आ पाती.  


मानसिक सेहत पर असर 
ज्यादा तेज आवाज में ईयरफोन मानसिक सेहत पर असर डाल सकता है. ये कानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनके ज्यादा इस्तेमाल से आपके सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है. लंबे समय तक हेडफोन पहनने से कान के अंदर के ब्लड फ्लो में बदलाव हो सकता है. इससे कानों को नुकसान हो सकता है. 


कान में दर्द और सूजन
अगर हेडफोन की पैडिंग या डिजाइन सही नहीं है और आपके कान में वह सही बैठ नहीं रहे हैं तो लंबे समय तक इन्हें इस्तेमाल करने से कान में दर्द और सूजन हो सकती है. ज्यादा आवाज आने के कारण सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. इसलिए कम से कम ईयरफोन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. 


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