देश में बढ़ रही असमानता, अमीर सांसद छोड़ें अपना वेतन: BJP MP वरुण गांधी
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देश में बढ़ रही असमानता, अमीर सांसद छोड़ें अपना वेतन: BJP MP वरुण गांधी

भाजपा सांसद ने कहा कि हमें जन प्रतिनिधि के तौर पर देश की सामाजिक, आर्थिक हकीकत के प्रति सक्रिय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि वह समझते हैं कि सभी सांसद ऊंची आर्थिक स्थिति नहीं रखते हैं और कई अपनी आजीविका के लिये वेतन पर ही निर्भर करते हैं .

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भाजपा सांसद वरुण गांधी ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपील की है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए आंदोलन शुरू करें. लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने कहा कि भारत में असमानता प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. भारत में एक प्रतिशत अमीर लोग देश की कुल संपदा के 60 प्रतिशत के मालिक हैं. 1930 में 21 प्रतिशत लोगों के पास इतनी संपदा थी. भारत में 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है. यह खाई हमारे लोकतंत्र के लिये हानिकारक है.

  1. वरुण गांधी ने देश में बढ़ रही असमानता पर चिंता जाहिर की
  2. कहा- 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है
  3. लोकसभा अध्‍यक्ष को खत लिखकर सांसदों के वेतन छोड़ने की अपील की

भाजपा सांसद ने कहा कि हमें जन प्रतिनिधि के तौर पर देश की सामाजिक, आर्थिक हकीकत के प्रति सक्रिय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि वह समझते हैं कि सभी सांसद ऊंची आर्थिक स्थिति नहीं रखते हैं और कई अपनी आजीविका के लिये वेतन पर ही निर्भर करते हैं.

वरूण गांधी ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘स्पीकर महोदया से मेरा निवेदन है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए आंदोलन शुरू करें.’’ उन्होंने कहा कि ऐसी स्वैच्छिक पहल से हम निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की संवेदनशीलता को लेकर देशभर में एक सकारात्मक संदेश जायेगा.''

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उन्होंने लिखा कि अगर वेतन छोड़ने को कहना बहुत बड़ी मांग है तो अपनी मर्जी से अनाधिकार खुद का वेतन बढ़ा लेने की जगह पर स्पीकर महोदया वैकल्पिक तरीके को लेकर एक नया विमर्श पेश कर सकती हैं . भाजपा सांसद ने कहा कि 16वीं लोकसभा के बचे हुए कार्यकाल में हमारे वेतन को जस का तस रखने का फैसला भी इस दिशा में एक स्वागतयोग्य कदम हो सकता है.

उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिटेन की रिव्यू बॉडी आन सीनियर सैलरी की तरह एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था की स्थापना की जा सकती है जो ऐसे फैसले की वहनीयता और सांसद की वित्तीय क्षतिपूर्ति की जांच करेगी और फैसला करेगी. वरुण गांधी ने कहा कि ऐसे कदम से कुछ लोगों को असुविधा होगी लेकिन इससे समग्र रूप से प्रतिष्ठान के प्रति लोगों का भरोसा पैदा होगा.

सांसदों का 5 वर्षों में चार गुना वेतन बढ़ा
इससे पहले पिछले महीने भी वरुण गांधी ने कहा था कि सांसदों का वेतन पिछले पांच वर्षों में चार गुणा बढ़ चुका है जबकि संसद में कार्यदिवस घटकर वर्ष में 60 दिनों पर आ गया है जो कि 1952-72 के बीच की अवधि में 130 दिन था. उन्होंने कहा कि वह सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें स्वयं अपना वेतन बढ़ाने का अधिकार नहीं होना चाहिये. वरुण ने कहा था, ''वह सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अपना वेतन स्वयं बढ़ाए जाने का अधिकार नहीं होना चाहिए. चाहे वकील या अन्य वर्ग हो हमने किसी को अपना वेतन स्वयं अपना वेतन बढ़ाते नहीं देखा है.''

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उन्होंने कहा कि 1952-72 के दौरान संसद का कार्य दिवस एक साल में 130 दिन था जो पिछले 15 वर्षों में 60 हो गया. पिछले दस सालों के दौरान 51 प्रतिशत बिल बिना बहस के पास हो गया. उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि संसद भवन नीति का केंद्र बने. केवल राजनीति का अखाड़ा नहीं बने.''

(इनपुट: भाषा से भी)

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