साल 2020 में टूटी मथुरा की हजारों साल पुरानी ऐसी परंपरा, जानिए क्यों हुआ ऐसा ...
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साल 2020 में टूटी मथुरा की हजारों साल पुरानी ऐसी परंपरा, जानिए क्यों हुआ ऐसा ...

हजारों वर्ष प्राचीन गोवर्धन गुरु पूर्णिमा परिक्रमा के चलते पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और साधु-संतों के साथ एक बैठक की जिसमें गोवर्धन मेले पर लगने वाली परिक्रमा को रोकने पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में मौजूद सभी लोगों ने कोरोना के चलते परिक्रमा शुरू न करने की अपील की. 

प्रतीकात्मक फोटो

मथुरा: भगवान कृष्ण की जन्मभूमि में इस बार हजारों वर्ष प्राचीन परंपरा टूट रही है. कोरोना वायरस की वजह से हजारों वर्ष पुरानी प्राचीन परंपरा प्रभावित हो रही है. इस वर्ष गोवर्धन में लगने वाला करोड़ी मेला कोरोना संक्रमण को देखते हुए नहीं लगेगा. वैसे हर साल जुलाई महीने में गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा मेले का आयोजन किया जाता रहा है.

प्रशासन और साधु-संतों ने मिलकर लिया फैसला 
हजारों वर्ष प्राचीन गोवर्धन गुरु पूर्णिमा परिक्रमा के चलते पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और साधु-संतों के साथ एक बैठक की जिसमें गोवर्धन मेले पर लगने वाली परिक्रमा को रोकने पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में मौजूद सभी लोगों ने कोरोना के चलते परिक्रमा शुरू न करने की अपील की. जिस पर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भी अपनी स्वीकृति देते हुए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जरूरी कदम बताया. 

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गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा नहीं होगी
उत्तर प्रदेश सरकार का यह राजकीय महिला पुलिस व प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के बीच संपन्न होता है. जिसमें 5 दिन के अंदर करीब एक करोड़ श्रद्धालु गोवर्धन महाराज की परिक्रमा लगाने आते हैं लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए इस बार गुरु पूर्णिमा मेले पर लगने वाली परिक्रमा नहीं लग सकेगी क्योंकि इस परिक्रमा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकेगा. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ जाएगा. ऐसे में परिक्रमा को स्थगित किया जा रहा है. मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा द्वापर युग से होती आ रही है.

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