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Premanand Maharaj: 'आतंकी के बीवी-बच्चे हों तो...' पहलगाम हमले से लेकर घमंडी अफसरों पर भड़के वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश है. इस बीच वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की. इसके साथ ही वह घमंडी अफसरों पर भी भड़क उठे. पढ़िए पूरी डिटेल...

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Premanand Maharaj: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. नेता हों या पब्लिक सभी अपना बयान दे रहे हैं. इस पर वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने भी निंदा की है. उन्होंने दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही है. इतना ही नहीं उन्होंने घमंडी अफसरों को भी लताड़ा है.

कौन हैं प्रेमानंद महाराज?

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कौन हैं प्रेमानंद महाराज?

प्रेमानंद महाराज ऐसे संतों में गिने जाते हैं, जिन्हें हमेशा सौम्यता से बात करते और मुस्कुराते देखा जाता है, लेकिन वो कुछ चीजों पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने से भी नहीं चूकते हैं. ऐसा ही एक मामला तब हुआ था, जब एक अधिकारी उनके यहां दर्शन को पहुंचा. बाबा के करीब जाते ही उसने अपने पद का घमंड दिखाना शुरू कर दिया. उसने पहले तो अपने द्वारा लाई गई सामग्रियों का जिक्र किया.

नाराज हो गए प्रेमानंद

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नाराज हो गए प्रेमानंद

उसके बाद औदे का परिचय देते हुए कार्ड पकड़ाने लगा. फिर प्रेमानंद महाराज काफी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि वो भगवान के सेवक हैं और वैराग्य के मार्ग पर चलते हैं. प्रेमानंद ने फटकारते हुए साफ जाहिर किया कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके पास आया व्यक्ति कौन-सा अधिकारी है या फिर वो किस पद पर है. 

हम ये सब सुनने यहां नहीं बैठे

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हम ये सब सुनने यहां नहीं बैठे

अधिकारी के घमंड को और तोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जब हमने कोई परिचय बताते हुए कहता है कि हम अमुक पदाधिकारी हैं या अमुक पद पर हैं तो हम ये सब तो सुनने यहां बाबा बनकर नहीं बैठे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम तुम्हें ये बताने के लिए यहां बैठे हैं कि तुम कैसे और आगे बढ़ो, कैसे तुम्हारा मंगल हो, तुम कैसे विजय प्राप्त करो, क्रोध पर विजय कैसे पाओ, कैसे कोई भी पाप या विकास तुम्हारा नाश या तुम्हें परास्त न कर सकें.

प्रेमानंद ने बना दिया नियम

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प्रेमानंद ने बना दिया नियम

प्रेमानंद महाराज ने ये भी बताया कि पहले वो अपने यहां आने वाले विशेष व्यक्तियों को चुन्नी दिया करते थे और लोगों द्वारा लाए जाने वाली चादर आदि भी स्वीकार करते थे, लेकिन फिर उन्होंने ये बंद कर दिया क्योंकि वो चाहते थे कि उनके यहां आने वाले सभी वर्ग के लोग समान महसूस करें. महाराज ने साफ किया कि वो न तो लेते हैं और ना ही देते हैं. ताकि उनकी जगह को कोई प्रपंच का नाम न दे सके.

तुम्हारे भरोसे नहीं है चीजें

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तुम्हारे भरोसे नहीं है चीजें

अधिकारी से प्रेमानंद महाराज ने कहा कि पचासों संत और हजारों की संख्या में लोग यहां बैठते हैं तो उनके लिए पंखा चलता है. अगर 100-200 रुपये चढ़ा दिए तो उसे जोड़कर रोटी-दाल आ जाएगी, लेकिन वो भी कोई तुम्हारे भरोसे नहीं चलेगी.

विसर्जन भी आध्यात्म

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विसर्जन भी आध्यात्म

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगर वो कुछ नहीं भी देगा तो भी सारी चीजें वैसे ही चलती रहेंगी, क्योंकि उनके लिए सारी चीजें भगवान चलाते हैं. महाराज ने कहा कि उन्होंने अपने स्थान को आध्यात्म से शुरू किया और इसका विसर्जन भी आध्यात्म से ही होगा.

'हमको दया नहीं दिखानी'

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'हमको दया नहीं दिखानी'

सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. जिसमें एक जवान के सवाल पर वह कह रहे हैं कि हम नहीं छोड़ेंगे, हमको दया नहीं दिखानी है क्यों, अगर वो छोड़ा गया तो लाखों लोगों की हत्या करेगा. कई परिवारों को नष्ट कर देगा. उसका उद्देश्य सही नहीं है.

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