उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण (यीडा) के फेज-2 मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे दी है. इस फैसले के साथ ही अलीगढ़ और मथुरा में दो आधुनिक शहरों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इन शहरों में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित क्षेत्र और पर्यटन केंद्र विकसित किए जाएंगे.
मथुरा जिले में बनने वाला राया अर्बन सेंटर 11,653.76 हेक्टेयर में फैला होगा और इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इसमें रिवर फ्रंट, एम्यूजमेंट पार्क, थीम पार्क, साइंटिफिक पार्क, एक्सपो मार्ट और गोल्फ कोर्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी. आवासीय क्षेत्र के लिए 2216.25 हेक्टेयर और पर्यटन क्षेत्र के लिए 1520.51 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है.
अलीगढ़ जिले में बनने वाला टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर 11,104.40 हेक्टेयर में फैलेगा और इसमें 12.75 लाख की अनुमानित आबादी को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इस शहर में आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, मिश्रित उपयोग और परिवहन सुविधाओं के लिए विशेष क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं.
पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए राया अर्बन सेंटर में 1800 हेक्टेयर से अधिक हरित क्षेत्र और 505.65 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा. टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर में भी हरित क्षेत्रों और जल संरचनाओं को संरक्षित रखने की योजना बनाई गई है, ताकि शहरों का विकास प्राकृतिक संतुलन के साथ हो.
इन दोनों शहरों को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि यह नोएडा और गुरुग्राम जैसे बड़े व्यावसायिक केंद्रों को टक्कर देंगे. मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, व्यापारिक हब और आईटी पार्क जैसी सुविधाएं इन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगी.
मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद मथुरा और अलीगढ़ में हो रहे अवैध निर्माणों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी. अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी और प्राधिकरण नियोजित विकास सुनिश्चित करेगा.
फेज-2 में हेरिटेज सिटी और मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं. टप्पल में लॉजिस्टिक पार्क के लिए 250 एकड़ जमीन अधिग्रहण पर काम चल रहा है, जबकि हेरिटेज सिटी के लिए 750 एकड़ भूमि का अधिग्रहण जल्द शुरू किया जाएगा.
दोनों शहरों में आधुनिक रिहायशी सेक्टर, ऑफिस हब, इंडस्ट्रियल ज़ोन, रिक्रिएशनल सेंटर, खेल मैदान और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे. इससे न केवल लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे बल्कि व्यापार और उद्योग को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
मास्टर प्लान की स्वीकृति के साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. बोर्ड की बैठक में इसे अंतिम मंजूरी मिलने के बाद यीडा विकास कार्यों को गति देगा और नियोजित शहरों का निर्माण तेजी से शुरू किया जाएगा.
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