मायावती ने किया CBSE परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी का विरोध, बोलीं- यह फैसला जातिवादी
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मायावती ने किया CBSE परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी का विरोध, बोलीं- यह फैसला जातिवादी

मंगलवार को ट्वीट कर मायावती ने कहा कि अभी हाल ही में CBSE द्वारा परीक्षा शुल्क में की गई बढ़ोतरी को दुर्भाग्यपूर्ण, जातिवादी व गरीब विरोधी फैसला बताया. उन्होंने सीबीएसई से इसे तुरन्त वापस लेने की मांग की. 

बसपा सुप्रीमो मायावती. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई,CBSE) के परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने इसे जातिवादी और गरीब विरोधी बताते हुए फैसले को वापस लेने की मांग की है. मंगलवार को ट्वीट करके मायावती ने कहा कि अभी हाल ही में CBSE ने 10वीं व 12वीं के लिए परीक्षा शुल्क में जो 24 गुना तक बढ़ोतरी की है, जिसके तहत अब एस.सी.-एस.टी. छात्रों को 50 रुपये के बजाय 1200 रुपये देने होंगे. इसी प्रकार सामान्य वर्ग के छात्रों के शुल्क में भी दोगुनी वृद्धि की गई है. 

ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह अति दुर्भाग्यपूर्ण, जातिवादी व गरीब विरोधी फैसला है. सीबीएसई इसे तुरन्त वापस ले बी.एस.पी. की यह मांग है. आपको बता दें कि पिछले दिनों सीबीएसई ने एससी/एसटी छात्रों के लिए परीक्षा शुल्‍क में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. एससी/एसटी छात्रों को अब 50 की बजाए 1200 रुपए शुल्‍क देना होगा. अनुसूचित जाति (एसी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा शुल्क में 24 गुना वृद्धि की गई है. सामान्य वर्ग के छात्रों के शुल्क में भी दो गुनी वृद्धि की गई है. अब उन्हें 750 रुपए की जगह 1500 रुपये देने होंगे. 

वहीं, 10वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों को नवीं कक्षा में और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए 11वीं कक्षा में पंजीकरण करना होता है. हालांकि जब इस बढ़ोतरी पर सवाल उठे तो सीबीएसई की ओर से सफाई दी गई कि उसने इतनी फीस नहीं बढ़ाई है. सीबीएसई अब तक सभी वर्ग के छात्रों से 750 रुपए ही लेता था.

हालांकि सीबीएसई बोर्ड ने सफाई देते हुए कहा है कि बोर्ड की ओर से एससी-एसटी के छात्रों के लिए परीक्षा शुल्‍क 350 रुपए ही था. छात्र अपनी ओर से 50 रुपए देते थे. बाकी की फीस दिल्‍ली सरकार भरती थी. अब हमने इसे 350 से बढ़ाकर 1200 रुपए कर दिया है. एग्‍जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने कहा, सीबीएसई की फीस सभी जगह सबके लिए एक समान है. दिल्‍ली सरकार एससी एसटी के छात्रों की फीस भरती थी. हो सकता है कि दिल्‍ली सरकार अब भी उनकी फीस भरे. ये दिल्‍ली सरकार और छात्रों के बीच का मसला है. सीबीएसई की तरफ से साफ किया गया कि शुल्क में बढ़ोतरी सिर्फ दिल्ली के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश में यह लागू होगी. 

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पहले नहीं लिया जाता था अतिरिक्‍त विषय के लिए शुल्‍क
एक अधिकारी ने बताया कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त विषय के लिए एससी/एसटी छात्रों को 300 रुपए अतिरिक्त देने होंगे. पहले अतिरिक्त विषय के लिए इन वर्गों के छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता था. सामान्य वर्ग के छात्रों को भी अतिरिक्त विषय के लिए 150 रुपये के बजाय अब 300 रुपये का शुल्क देना होगा.

दृष्टि बाधित छात्रों को छूट
अधिकारी ने कहा कि शत प्रतिशत दृष्टि बाधित छात्रों को सीबीएसई परीक्षा शुल्क से छूट दी गई है. हालांकि, जो छात्र अंतिम तारीख से पहले नई दर के अनुसार शुल्क जमा नहीं करेंगे उनका पंजीकरण नहीं होगा और उन्हें 2019-20 की परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं होगी.

माइग्रेशन फीस 150 से बढ़ाकर 350 रुपये
स्थानांतरण शुल्क (माइग्रेशन फीस) भी 150 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है. विदेश स्थित सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को अब पांच विषयों के बोर्ड परीक्षा शुल्क के रूप में 10 हजार रुपये देने होंगे. पहले यह राशि पांच हजार रुपये थी. 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त विषय के लिए इस श्रेणी के छात्रों को अब 1000 रुपये के बजाय 2000 रुपये का शुल्क देना होगा. 

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