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सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में चंदौसी तहसील के छोटे से गांव की दो बेटियों ने अपने हुनर से मिसाल पेश की है. बाइक मैकेनिक के काम से नेहा और काजल ने अपनी अलग पहचान बनाई है. तमाम बंदिश और तंज के बाबजूद ये अपने हुनर के दम पर पूरे परिवार का सहारा बनी हैं, इलाके में दोनों बहने 'बाइक मैकेनिक सिस्टर्स' के नाम से मशहूर हैं. इन दोनों के सपने को साकार करने के लिए पिता ने पीएम मोदी से मदद मांगी है.
नेहा और काजल चंदौसी तहसील के छोटे से गांव गुमथल की रहने वाली हैं. दरअसल इनके पिता अशरफ भी बाइक मैकेनिक हैं. वे 8 सदस्यों वाले परिवार को चलाने के लिए चंदौसी में मुरादाबाद-आगरा हाईवे पर बाइक मरम्मत का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में बाइक मिस्त्री अशरफ गंभीर रूप से बीमार हो गए, जिसकी वजह से उनका काम काज ठप हो गया और परिवार के हालात दिन-ब-दिन खराब होते गए. परिवार की माली हालत को देखते हुए अशरफ की चार बेटियों में नेहा और काजल ने पिता और परिवार की मदद का बीडा उठाया. दोनों बहनों ने पिता अशरफ से बाइक मरम्मत का काम सीखना शुरू कर दिया.
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अशरफ की ट्रेनिंग से नेहा और काजल कुछ ही दिनों में ट्रेंड बाइक मैकेनिक बन गईं. और देखते ही देखते दोनों ने पिता के काम को बखूबी संभाल लिया. बाइक मैकेनिक नेहा और काजल के हौसले और जज्बे को देखकर ग्रामीण इलाके के लोगों का बेटियों के प्रति नजरिया बदलने लगा है.
गांव में बेटियों को तरक्की की नई राह दिखाने वाली बाइक मैकेनिक नेहा और काजल पढ़ लिखकर ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनना चाहती हैं , लेकिन ऑटो मोबाइल इंजीनियर बनने के उनके सपने को पूरा करने में आर्थिक तंगी आड़े आ रही है, इसीलिए पिता अशरफ ने पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की है.
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