गोरखपुर, गाजियाबाद के बाद मेरठ जिला जेल में मिले HIV पॉजिटिव कैदी
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गोरखपुर, गाजियाबाद के बाद मेरठ जिला जेल में मिले HIV पॉजिटिव कैदी

जानकारी के मुताबिक मेरठ के चौधरी चरण सिंह जेल में 10 कैदियों में एचआईवी का संक्रमण मिला है. कैदियों में एचआई का संक्रमण मिलने के बाद उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. 

इससे पहले यूपी के ही गाजियाबाद और गोरखपुर जेल में कैदियों में एचआईवी का संक्रमण मिला है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मेरठ : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और गाजियाबाद जिले के बाद मेरठ की जिला जेल में कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मेरठ के चौधरी चरण सिंह जेल में 10 कैदी एचआईवी संक्रमित मिले हैं. कैदियों में एचआई का संक्रमण मिलने के बाद उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. 

  1. यूपी के मेरठ जिला जेल में मिले HIV पॉजिटिव कैदी
  2. 10 कैदियों को कराया गया मेडिकल कॉलेज में भर्ती
  3. इससे पहले गाजियाबाद, गोरखपुर जेल में मिले थे HIV पॉजिटिव कैदी

जेल में लाने से पहले ही संक्रमित हो चुके थे कैदी
मेडिकल कॉलेज के सीएमओ डॉक्टर राज कुमार के मुताबिक जिन कैदियों में एचआई का संक्रमण पाया गया है, उन्हें जेल लाने से पहले ही यह संक्रमण हो चुका था. उन्होंने कहा कि जिस वक्त इन कैदियों को जेल लाया गया, उस समय इनका मेडिकल टेस्ट नहीं हुआ था.  

इससे पहले गोरखपुर में मिले एचआईवी पीड़ित कैदी
इससे पहले गोरखपुर की जिला जेल के कैदियों में एचआईवी संक्रमण मिला था. 28 फरवरी को आई खबर के मुताबिक जेल प्रशासन ने दावा किया था कि बीमारी जेल के भीतर नहीं फैली. कैदी जब जेल में आए थे, तभी संक्रमण के शिकार थे. उनमें से अधिकांश मादक द्रव्यों से जुडे कानून के तहत जेल की सजा पाए थे. पिछले साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की पहल पर एचआईवी का पता लगाने के लिए बंदियों का रक्त परीक्षण कराया गया था. संक्रमित लोगों में 21 विचाराधीन कैदी और एक महिला सहित तीन सजायाफ्ता कैदी थे.

उन्नाव जिले में भी मिले थे HIV के कैदी
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एचआईवी का एक ऐसा मामला सामने आया था जिसने स्वास्थ्य महकमे के रोंगटे खड़े कर दिए थे. उन्नाव के बांगरमऊ में एक साथ 40 लोगों में एचआईवी का टेस्ट पॉजिटिव निकला था. रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 2017 के नवंबर महीने में जिले में एक स्वास्थ्य कैंप लगा था, जिसके बाद 40 लोगों में एचआईवी के लक्ष्ण पाए गए थे.  

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