Meerut News: महाराष्ट्र के नागपुर से शुरू हुआ औरंगजेब की कब्र का विवाद उत्तर प्रदेश तक आ पहुंचा है. यूपी के मुजफ्फरनगर में शिवसेना के बाद अब मेरठ में एक हिंदूवादी नेता ने औरंगजेब और उसके वजीर की कब्र तोड़ने वाले को एक करोड़ का इनाम देने का ऐलान किया है.
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Meerut News: मुगल शासक औरंगजेब को लेकर देशभर में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक, हिंदू संगठनों और स्थानीय नेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है. ताजा मामला मेरठ का है, जहां औरंगजेब के वजीर अबू मोहम्मद खान की कब्र को गिराने वाले को 50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की गई है. इससे पहले नागपुर में औरंगजेब की कब्र तोड़ने वाले को एक करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की जा चुकी है.
मेरठ में है औरंगजेब के वजीर की कब्र
मेरठ में अबू मोहम्मद खान की कब्र, जिसे ‘आबू का मकबरा’ कहा जाता है, निशाने पर आ गई है. हिंदू संगठनों का कहना है कि इस जगह को खत्म कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह औरंगजेब के समर्थक की निशानी है. साथ ही, मेरठ का प्रसिद्ध ‘आबूलेन बाजार’ भी इसी नाम पर रखा गया है, जिसे बदलने की मांग की जा रही है.
हिंदू इतिहास मिटाने की साजिश का आरोप
मेरठ में हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन जानबूझकर हिंदू इतिहास को मिटाने की कोशिश कर रहा है. इसी को लेकर हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने अबू मोहम्मद खान की कब्र गिराने वाले को 50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है. इसके अलावा, नागपुर में भी औरंगजेब की कब्र को तोड़ने वाले को एक करोड़ रुपये इनाम देने का ऐलान हुआ है.
इनाम की राशि कहां से आएगी ?
हिंदू संगठनों का कहना है कि यह पैसा समाज से इकट्ठा किया जाएगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर प्रशासन खुद इस कब्र को हटाता है, तो यह राशि सरकार को सौंप दी जाएगी.
मुजफ्फरनगर में भी हुआ था ऐलान
इससे पहले 18 मार्च को मुजफ्फरनगर में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था. शिवसेना के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने ऐलान किया था कि जो भी व्यक्ति औरंगजेब की कब्र गिराएगा, उसे पांच बीघा जमीन इनाम में दी जाएगी.
महाराष्ट्र में भी विरोध प्रदर्शन
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के पास खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर कई संगठनों ने प्रदर्शन किए थे. हिंदू संगठनों का कहना है कि भारत के गौरवशाली इतिहास को बचाने के लिए ऐसे प्रतीकों को हटाना जरूरी है.
औरंगजेब से जुड़े स्थलों और स्मारकों को लेकर चल रहा विवाद अब राजनीतिक और धार्मिक रंग ले चुका है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और गर्मागर्मी बढ़ने की संभावना है.
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