Meerut News: घरों और भवनों में बिजली खर्च बचाने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण एक नए पहल शुरू कर रहा है. मेडा अनुसार 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों को व्हाइट रुफिंग करानी होगी. इसके लिए भवन बनाने से पहले नक्शा के साथ एक निश्चित रकम जमा करानी होगी जो इसी शर्त पर वापस होगी कि आपने व्हाइट रूफिंग कराी है.
Trending Photos
Meerut News: मेरठ विकास प्राधिकरण ( MDA) अब भवन निर्माण में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए नई पहल शुरू करने जा रहा है. 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए "वाइट रूफिंग" अनिवार्य करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. वाइट रूफिंग तकनीक के तहत छत पर सफेद रंग का पेंट या हल्के रंग की परत चढ़ाई जाती है, जो सूर्य की सीधी गर्मी को प्रतिबिंबित करती है. इससे घर ठंडा रहता है और बिजली की खपत में कमी आती है.
मेडा के मुताबिक, नए भवनों का मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए अब वाइट रूफिंग की शर्त पूरी करनी होगी. इसके लिए भवन स्वामी को एक एफिडेविट के साथ निश्चित धनराशि का एफडीआर भी जमा करना होगा. एफडीआर तब वापस किया जाएगा जब भवन स्वामी वाइट रूफिंग लागू करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा. यह कदम ऊर्जा बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा.
ये भी पढ़ें: मेरठ में नई क्रांति... छह स्टेशनों के बीच दौड़ेगी मेट्रो, नमो भारत भी तैयार, पीएम मोदी-सीएम योगी का इंतजार
वाइट रूफिंग तकनीक भवन की उम्र बढ़ाने, रखरखाव की लागत घटाने और वातानुकूलन की आवश्यकता को कम करने में मदद करती है. यह पहल भारत सरकार की ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों की प्राप्ति के अनुरूप है. इससे पहले मेडा ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित करने की शर्त लागू की थी.
मेडा बोर्ड की आगामी बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है. मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि वाइट रूफिंग लागू करने से भवन निर्माण में टिकाऊ और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा मिलेगा. यह निर्णय भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें UP News और पाएं ( Meerut Latest News ) हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड !