मेरठ के परतापुर हवाई अड्डे से अब जल्द ही 72 सीटर प्लेन उड़ान भरेंगे, सीएम योगी ने मौजूदा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 23 करोड़ भी जारी कर दिये हैं. मामला फिलहाल डीजीसीए में अटका है.
मेरठ के परतापुर स्थित हवाई पट्टी का विस्तार करने की तैयारी की जा रही है ताकि सहारनपुर, मुरादाबाद के बाद अब मेरठ से 72 सीट प्लेन उड़ाया जा सके.
मेरठ के परतापुर में स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर फिलहाल एक ही हवाई पट्टी जो 80 मीटर चौड़ी और 1800 मीटर लंबी है,
मौजूदा हवाई पट्टी को अब 280 मीटर चौड़ा और 2280 मीटर लंबा किया जाएगा ताकि यहां से 72 सीटर का हवाई जहान उड़ान भर सके.
मेरठ हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर बीते दिनों राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से मुलाकात कर मेरठ की हवाई पट्टी के विस्तार और 72 सीटर विमान उड़ाने की सुविधा पर चर्चा की.
हवाई अड्डे के विस्तार के लिए चार हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जो उपलब्ध है. छह लोगों को इस भूमि के लिए 23 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है, जिसकी पूरी धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी
भुगतान होने के बाद यह जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को दर्ज हो जाएगी. इसके बाद AAI हवाई पट्टी विस्तार का काम शुरू कर देगा, जिससे मेरठ में हवाई सेवा का सपना साकार हो सकेगा.
सरकार ने जमीन की लागत को देखते हुए पहले से उपलब्ध जमीन पर ही हवाई पट्टी विस्तार कर विमान उड़ाने की योजना बनाई है. यह योजना 2014 में AAI को सौंप दी गई थी, लेकिन दस साल बाद भी इस पर काम शुरू नहीं हो सका.
उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग ने 23 करोड़ रुपये जारी करने के लिए DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मांगा है. बिना एनओसी के फंड जारी नहीं हो सकता, जिससे काम में देरी हो रही है.
हाल ही में मेरठ में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को साफ कहा कि डीजीसीए से एनओसी मिलते ही 23 करोड़ रुपये जारी कर दिए जाएंगे.
अगर यह परियोजना पूरी होती है तो मेरठ और आसपास के जिलों के लोगों को सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी. व्यापार और पर्यटन को भी इससे बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.
हवाई पट्टी विस्तार और उड़ान योजना को लेकर अब सबकी निगाहें DGCA की एनओसी पर टिकी हैं. एनओसी मिलते ही सरकार फंड जारी करेगी और मेरठ में हवाई सेवा की राह खुल जाएगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.