प्रवासी श्रमिकों ने लखनऊ-कानपुर हाइवे पर किया हंगामा, प्रशासन ने निजी बसों से घरों तक पहुंचाया
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प्रवासी श्रमिकों ने लखनऊ-कानपुर हाइवे पर किया हंगामा, प्रशासन ने निजी बसों से घरों तक पहुंचाया

श्रमिकों की नाराजगी को देखते हुए प्रशासन ने निजी बसों की व्यवस्था कर उन्हें उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था की. प्रवासी श्रमिकों के हंगामे से 3 घंटे तक हाइवे जाम रहा.

प्रशासन ने निजी बसों में बैठाकर प्रवासी मजदूरों को घरों तक पहुंचाया

दयाशंकर/उन्नाव: उन्नाव में प्रवासी मजदूरों ने हंगामा करके हाइवे पर जाम लगा दिया. ये सभी कानपुर की तरफ से पैदल आ रहे थे. इन्हें कानपुर-उन्नाव सीमा रोका गया था. उन्नाव प्रशासन ने सभी को रोककर वापस जाने की हिदायत दी. जिसके बाद प्रवासी श्रमिकों ने उन्नाव बॉर्डर पर ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. श्रमिकों के प्रदर्शन से हाइवे पर अफरा-तफरी मच गई. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें समझाकर शांत कराया. हालांकि इस दौरान हाइवे पर भीषण जाम लग गया. श्रमिकों की नाराजगी को देखते हुए प्रशासन ने निजी बसों की व्यवस्था कर उन्हें उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था की. प्रवासी श्रमिकों के हंगामे से 3 घंटे तक हाइवे जाम रहा.

लखनऊ-कानपुर नेशनल हाइवे पर उन्नाव सीमा परिस्थिति जाजमऊ गंगापुर पर सुबह करीब 8:00 बजे समय अफरा-तफरी मच गई. दरअसल, उन्नाव जिला प्रशासन ने पैदल व अन्य वाहनों से आ रहे श्रमिकों को कानपुर सीमा पर आने से रोक दिया था. वहीं चेन्नई, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से पैदल चल कर आ रहे श्रमिकों ने प्रशासन से आगे बढ़ने की गुहार लगाई. मगर अधिकारी सीएम के आदेशों का हवाला देकर उन्हें वापस जाने का कहने लगे. कानपुर से आ रहे हैं वाहनों को वापस लौटाना शुरू भी कर दिया. इससे कई दिनों से भूखे प्यासे रहकर अपनी घर की तरफ आगे बढ़ रहे प्रवासी मजदूरों का सब्र का बांध टूट गया. उन्होंने इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. 

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सरकार के खिलाफ नारेबाजी व लखनऊ कानपुर हाइवे जाम होने की खबर से जिले के आला अधिकारियों में हड़कम्प मच गया. डीएम रविंद्र कुमार ने अधिकारियों को मौके पर भेजकर श्रमिकों को समझा-बुझाकर शांत कराने के निर्देश दिए. एडिशनल एसपी वीके पांडे व अन्य अधिकारी श्रमिकों को समझाने में जुटे और निजी बसों का इंतजाम करा कर श्रमिकों को उनके जनपद तक छोड़ने जाने का आश्वासन दिया. इसके बाद श्रमिकों का गुस्सा शांत हुआ और बसों के इंतजाम पर अड़ गए. जिला प्रशासन ने आनन-फानन 10 से अधिक निजी बसों का इंतजाम कर श्रमिकों को उनके गृह जनपद भेजे जाने की व्यवस्था की. इस दौरान 3 घंटे तक लखनऊ-कानपुर नेशनल हाइवे पर जाम बना रहा. श्रमिकों की भीड़ हटने के बाद करीब 11:00 बजे हाइवे पर जरूरी वाहनों की आवाजाही हो सकी.

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