हत्या के आरोप में 1.5 साल से सजा काट रहे मिट्ठू हाथी को मिली आजादी, दुधवा नेशनल पार्क बना नया ठिकाना
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हत्या के आरोप में 1.5 साल से सजा काट रहे मिट्ठू हाथी को मिली आजादी, दुधवा नेशनल पार्क बना नया ठिकाना

मिट्ठू को लगभग 5 से 6 महीने तक चिकित्सीय प्रशिक्षण में अन्य हाथियों से अलग रखने का फैसला लिया गया है. 

 दुधवा नेशनल पार्क पहुंचा मिट्ठू हाथी

लखीमपुर खीरी: डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से सजा काट रहे मिट्ठू हाथी को बेड़ियों से आजादी मिल गई. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सोमवार को मिट्ठू दुधवा नेशनल पार्क पहुंच गया. कोरोना काल के मद्देनजर मिट्ठू हाथी को पार्क प्रशासन ने सोनारीपुर रेंज में आइसोलेट किया है. डॉक्टरों की टीम ने हाथी का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें वह पूरी तरह से फिट निकला. वहीं, मिट्ठू के दुधवा आने के बाद अब पार्क में पालतू हाथियों के कुनबे की संख्या बढ़कर 25 हो गई है. आपको बता दें कि अभी तक यह हाथी वाराणसी रामनगर वन्यजीव संरक्षण केंद्र में जंजीरों में कैद था.

बिल्कुल स्वस्थ है मिट्ठू
हाथी को लाने के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व से डॉक्टर के साथ महावतों की टीम दो दिन पहले रवाना हुई थी. जो सोमवार को हाथी को लेकर दुधवा पहुंच गई. हाथी की उम्र लगभग 45 वर्ष बताई गई है. मिट्ठू को लगभग 5 से 6 महीने तक चिकित्सीय प्रशिक्षण में अन्य हाथियों से अलग रखने का फैसला लिया गया है. हाथी पूरी तरह से स्वस्थ बताया जा रहा है, लेकिन जगह परिवर्तन होने के चलते वह कुछ विचलित नजर आ रहा है. 

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2019 में एक व्यक्ति की ली थी जान
20 अक्टूबर 2019 को रामनगर की रामलीला चल रही थी. महावत के साथ मिट्ठू भी मेले में गया था. मेले से वापस लौटते वक्त कुछ लोगों ने मिट्ठू के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी. इस बात से गुस्साए मिट्ठू ने एक व्यक्ति को जान से मार दिया था. सूचना मिलने पर हाथी और उसके महावत को कस्टडी में लिया गया. जिसके लिए बबुरी थाने में हाथी और उसके महावत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. 

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हाई कोर्ट में पेंडिंग है मामला 
यह हाथी पालतू था. लेकिन हाथी के मालिकों पर आरोप था कि वे अवैध तरीके से उसे पाल रहे थे. हाथी की सही देखभाल और लायसेंस न होने के चलते वन विभाग ने मिट्ठू को अपने कब्जे में लेते हुए रामनगर में रखा था. इस मामले में बाद में महावत को जमानत मिल गई थी. इस बीच महावत ने कोर्ट में हाथी को लेने का काफी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट ने हाथी को दुधवा नेशनल पार्क भेजने को कहा था. अभी भी मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है. 

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