दीप चंद्र जोशी/मुरादाबाद: राजनेताओं के दबाव में पुलिस किस तरह काम करती है, इसका जीता-जागता उदाहरण इस घटना से पता चलता है. मुरादाबाद पुलिस ने जल्दबाजी में एक शख्स को उस वारदात का आरोपी बना दिया, जिसमें वो शामिल ही नहीं था. जिस पर आरोप लगाए थे, पुलिस ने उसे एक दिन पहले ही उठा लिया था. पुलिस ने इस लूट का खुलासा करके अपनी पीठ भी थपथपाई थी. घटना का फर्जी खुलासा करने वाले मुरादाबाद के एएसपी कुलदीप सिंह अब जांच की बात कर रहे हैं. हालांकि इस मुरादाबाद जिले के कांठ थाने को देश सबसे बेहतरीन थानों में 8वां स्थान दिया गया है. यह लिस्ट देश गृह मंत्रालय ने जारी की. लेकिन इस घटना ने पुलिस की गुड वर्क की पोल भी खोल दी है. 


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हुआ क्या था?
मुरादाबाद पुलिस ने 21 नवम्बर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि 20 नवम्बर को हुई लूट की घटना में दो चैन स्नेनेचर और एक ज्वेलर सोनू वर्मा शामिल था. जिसे गिरफ्तार कर उनसे कैश और लूटी गई ज्वेलरी दिखाई गई थी. हालांकि अपने गुड वर्क इमेज की वजह से पुलिस खुद घिरती नजर आ रही है. दरअसल, मुरादाबाद SOG टीम पर आरोप हैं कि टीम ने 19 नवंबर की दोपहर 3:00 बजे थाना कटघर और मझोला बॉर्डर पर ज्वेलर सोनू वर्मा को उसकी दुकान से उठा लिया था. पुलिस ने 21 नवंबर को एक चेन स्नेचिंग की घटना का खुलासा किया और इसमें ये दिखाया कि सोनू घटना में शामिल चैन स्नैचिंग करने वाले आरोपियों से चोरी का माल खरीदता है. पुलिस ने 20 नवंबर को हुई एक चैन स्नेचिंग की घटना का माल भी 21 नवंबर को गुड वर्क के दौरान बताया था कि सोनू वर्मा ने लूट का सामान खरीदा था. 


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क्या नेता के दवाब में फंसाया?
पुलिस की इस जल्दबाजी वाली कार्रवाई पर अब सवाल उठ रहे हैं. 20 नवंबर को थाना मझोला क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के नेता की पत्नी के साथ चेन स्नेचिंग हो जाती है, इसका खुलासा अगले दिन 21 नवंबर को मुरादाबाद पुलिस के अपर पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह करते हैं. कुलदीप सिंह बताते हैं कि अधिकारियों के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा था और अभियान के तहत 3 लोगों को पकड़ा गया. मीडिया के सामने सोनू को भी यह बताकर पेश किया गया उसने दोनों बदमाशों से चेन स्नैचिंग में लूटा गया माल खरीदा था.


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मां ने खोली पुलिस के दावों की पोल
पुलिस की यह सुलझी गुत्थी उस वक्त उलझ गई, जबकि तथाकथित आरोपी सोनू वर्मा की मां अनीता वर्मा एसएसपी ऑफिस एक सीसीटीवी फूटेज के साथ पहुंच गईं. यह फुटेज 19 नबंबर का है. इसमें दावा किया गया कि 19 नवम्बर को पुलिस की एसओजी टीम उनके बेटे को दुकान से उठा कर लाई थी. सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि 19 नवंबर को एसओजी की टीम के दो पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में बेटे की दुकान पर जाते हैं. दुकान पर उसकी बेटी बैठी हुई है. दुकान में दो लोगों को घुसते देखा जा सकता है. इस बीच दोनों लोगों में से एक व्यक्ति बाहर आता है और फोन करके एसओजी की बिना नंबर प्लेट लगी गाड़ी को बुलाता है और उसके बाद उसके बेटे को गाड़ी में बैठाकर ले जाया जाता है. 


मुरादाबाद पुलिस और एसओजी टीम पर एक तरफा कार्रवाई के आरोप लगाते हुए पीड़ित की मां ने न्याय की गुहार लगाई है. घटना का फर्जी खुलासा करने वाले मुरादाबाद के एएसपी कुलदीप सिंह अब जांच की बात कर रहे हैं.


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