Azam Khan Case: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को एक बड़ी राहत मिली. उनपर घर में घुसकर मारपीट, छेड़छाड़, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटने के आरोप हैं.........
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रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के खिलाफ यतीमखाना मामले में अब बारह मुकदमों में अलग-अलग सुनाए नहीं जाएंगे. इन मुकदमों को न्यायालय ने एक करते हुए सुनवाई करने का आदेश दिया है. दरअसल, आजम खान के खिलाफ यतीमखाना मामले के सभी मुकदमे शहर कोतवाली में दर्ज कराए थे. इनमें वादियों ने कहा कि 2016 में मुहल्ला सराय गेट के पास यतीमखाना बस्ती को जबरदस्ती खाली कराया गया था. उस समय यूपी में सपा की सरकार थी इसलिए वो कुछ नहीं कर पाए.
घर में घुसकर छेड़छाड़
आजम खान के आदेश पर सपाइयों ने पुलिस बल के साथ बस्ती को जबरदस्ती खाली कर दिया था. मुक़दमों में घर में घुसकर मारपीट, छेड़छाड़, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटने के आरोप हैं. इस्लाम ठेकेदार, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खान भी इन मुकदमों में नामजद हैं.
मुकदमों की अलग-अलग सुनवाई
मुकदमे को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अब तक मुकदमों की अलग-अलग सुनवाई चल रही है. इसको देखते हुए आरोपियों के वकील ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर सभी मुकदमों की पत्रावली करने की मांग की. वहीं आजम खान के वकील नासिर सुल्तान ने बताया कि न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र पर यतीमखाना प्रकरण के सभी मुकदमों को एक मानते हुए सुनवाई करने का फैसला किया है. दरअसल, उनपर लगे मुकदमे एक जैसे ही है कभी किसी मुकदमे का वादी दूसरे मुकदमे में गवाह बन गया है. इससे न्यायालय को भी इनकी फाइलों को एक करके सुनवाई करने का समय मिलेगा. अब इस मामले की सुनवाई 16 अगस्त को होगी.
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