एंबुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी की हुई पेशी, कोर्ट ने 14 दिनों की कस्टडी रिमांड पर भेजा
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एंबुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी की हुई पेशी, कोर्ट ने 14 दिनों की कस्टडी रिमांड पर भेजा

सीजेएम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 जून दी है.

फाइल फोटो.

बाराबंकी: बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस केस को लेकर सोमवार को बाराबंकी की सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई. एमपी-एमएलए कोर्ट की परमीशन के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. जिसमें मुख्तार अंसारी के वकील ने तो पक्ष रखा ही, साथ ही खुद मुख्तार ने भी अपनी पैरौकारी की. मुख्तार ने इस केस में खुद को मुलजिम बनाए जाने का मुखर होकर विरोध किया.

वहीं कोर्ट में सुनवाई को लेकर जानकारी देते हुए बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि सीजेएम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 14 दिनों की अभिरक्षा रिमांड पर भेजा है. सीजेएम कोर्ट ने 28 जून को मामले में सुनवाई की अगली तारीख दी है. 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस केस में किसी के फर्जी बयान को मेरे खिलाफ आधार बनाया जा रहा है. जबकि पुलिस की ये कार्रवाई सरासर गलत है. किसी के कुछ भी बयान दे देने से मुझे मुलजिम नहीं बनाया जा सकता. सीजेएम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई को लेकर मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन और विजय प्रताप सिंह ने यह तमाम जानकारी दी. दोनों वकीलों ने बताया कि इस केस में अगली सुनवाई अब 28 जून को होगी. 

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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि यह मामला उस समय है, जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. मुख्तार को एम्बुलेंस से मोहाली की कोर्ट में पेशी पर ले जाया गया था. उस समय इस एंबुलेंस के प्रयोग का खुलासा हुआ था. एम्बुलेंस पर यूपी के बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी थी. मामले ने तूल पकड़ा तो जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आये वह चौंकाने वाले थे.

निजी उपयोग के लिए एंबुलेंस प्रयोग करने का आरोप
दरअसल फर्जी दस्तावेज के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ में मुख्तार के गुर्गों ने 2013 में यह एंबुलेंस रजिस्टर्ड कराई थी. यह एंबुलेंस मुख्तार अपने निजी प्रयोग में ला रहा था. UP 41 AT 7171 रजिस्टर्ड नंबर की यह एंबुलेंस मुख्तार अंसारी शुरू से प्रयोग कर रहा था. इसी मामले में एक अप्रैल को कोतवाली नगर में मऊ की संजीवनी हास्पिटल संचालिका डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा कराया. 

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पुलिस ने मुख्तार अंसारी को भी इस मामले में साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया है. साथ ही अलका राय के सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद सुहैब मुजाहिद, शाहिद, आनंद यादव, राजनाथ यादव को नामजद किया था. इसमें अलका, शेषनाथ और राजनाथ को पुलिस जेल भेज चुकी है. मुख्तार अंसारी पहले से ही बांदा जेल में बंद है, जबकि कई आरोपी अभी भी फरार हैं. जिनकी तलाश में ही बाराबंकी पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है. 

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