लंबे समय बाद समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे मुलायम सिंह यादव, कार्यकर्ताओं से की बातचीत
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लंबे समय बाद समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे मुलायम सिंह यादव, कार्यकर्ताओं से की बातचीत

मुलायम ने काफी समय बाद पार्टी दफ्तर का रुख किया. उन्होंने दफ्तर पहुंचकर कार्यकर्ताओं से बातचीत की. इस दौरान उनके पुत्र और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी साथ मौजूद रहे.

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव पुत्र अखिलेश यादव के साथ.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव सोमवार को अचानक पार्टी दफ्तर पहुंच गए.  दनके पार्टी दफ्तर में अचानक पहुंचने से वहां मौजूद कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई.

मुलायम ने काफी समय बाद पार्टी दफ्तर का रुख किया. उन्होंने दफ्तर पहुंचकर कार्यकर्ताओं से बातचीत की. इस दौरान उनके पुत्र और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी साथ मौजूद रहे.

वजहें: इन तीन वजहों से मुलायम सिंह यादव का समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचना माना जा रहा है अहम.

1. बताया जाता है कि मुलायम की सियासी गतिविधियां खासी सीमित हो गईं हैं. ऐसे में उनकी थोड़ी सक्रियता पार्टी के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं.  

2. पुराने नेताओं को समाजवादी पार्टी के साथ फिर से मजबूती से जोड़ने के के लिए आने वाले दिनों में मुलायम सिंह यादव की भूमिका काफी अहम रहने वाली है.  

3. अखिलेश के साथ पार्टी कार्यलय में मौजूद रहकर सपा नेताओं को भी भरोसा दिलाने की कवायद कि शिवपाल यादव से अब कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं रहा.
 
अंदर की बात: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अखिलेश के नेतृत्व पर लगातार सवाल उठ रहे थे. ऐसे में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव अचानक एक्टिव मोड में आ गए हैं. उनकी जो नाराजगी मायावती के साथ गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव से थी उसे नेता जी पूरी तरह भुला चुके हैं. 

इसीलिए वह खुद पार्टी कार्यालय पहुंचकर सबकुछ समझ रहे हैं. मुलायम सिंह यादव राजनीति के पुराने अखाड़ेबाज हैं. वह जानते हैं कि अगर बतौर संरक्षक समाजवादी पार्टी कार्यालय आते रहे तो कार्यकर्ताओं में एक नया जोश आ जाएगा और पार्टी के पुराने समर्थकों को भी साथ रखने में मदद मिलेगी.

विशेषज्ञों की राय: राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो मुलायम एक ऐसे नेता हैं, जो जमीन से जुड़े रहे हैं. उन्हें राजनीति के मैदान का जमीनी नेता कहा जाता है. ऐसे में उनकी अस्वस्थ्यता और पारिवारिक कलह की वजह से समाजवादी पार्टी को नुकसान हुआ है. 

इसीलिए अब मुलायम सिंह यादव खुद कार्यकर्ताओं से मिलकर पहले की तरह उनके सुख दुख सुनेंगे, जिससे समाजवादी पार्टी को फिर से जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा सके.

आगे क्या: साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सपा संरक्षक का पार्टी कार्यलय पहुंचने का संदेश साफ है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद पार्टी अपने कार्यकाल के दौरान पूरे प्रदेश में किए गए विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास करे. 

मुलायम सिंह यादव की पार्टी कार्यलय में सक्रियता से आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी के उन पुराने नेताओं को भी फ्रंट लाइन में देखा जाएगा जिनको साइड लाइन कर दिया गया था. 

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