इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस वजह से मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में CBI जांच की मांग ठुकराई
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस वजह से मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में CBI जांच की मांग ठुकराई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तकनीकी आधार पर मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में CBI जांच की याचिका खारिज कर दी है.

9 जुलाई को बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी. (फाइल फोटो)

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तकनीकी आधार पर मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में CBI जांच की याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सीबीआई जांच की मांग तकनीकी आधार पर ठुकराई है. हालांकि, कोर्ट ने नये सिरे से परिजनों को डिवीजन बेंच में याचिका दाखिल करने की छूट दी है. हाईकोर्ट ने इस मामले को डिवीजन बेंच में ट्रांसफर करने की मांग भी ठुकरा दी है. एकलपीठ ने कहा कि उसे सीबीआई जांच का आदेश देने का अधिकार नहीं है.हत्या से पहले माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी ने 16 मई को सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. लेकिन, 9 जुलाई को बागपत जेल में उसकी हत्या कर दी गई.

अपनी याचिका में स्वाति अग्रवाल ने कहा कि जेल के भीतर असलहा कैसे पहुंचा, इसकी जांच होनी चाहिए. इसके अलावा उनके परिवार वालों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई थी. मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने भी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.

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मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में कुख्यात सुनील राठी के साथ में कुख्यात विक्की सुनहेड़ा के भी साथ होने की चर्चा है. विक्की सुनहेड़ा को पुलिस सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेशी पर लाया गया. कोर्ट में उसने कहा कि साथ में खाना खाने वालों के साथ धोखा नहीं देता. मुन्ना बजरंगी बड़े भाई की तरह था. मैंने नहीं देखा कि उसकी हत्या कैसे हुई थी. बता दें, सुनील राठी के पास के ही बैरक में विक्की सुनहेड़ा को रखा गया है.

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मुन्ना बजरंगी की हत्या को लेकर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि बीजेपी नेताओं पर आरोप लग रहे हैं. लेकिन, बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है. इस सच्चाई को कबूल करना होगा कि वह एक हत्यारा और गैंगस्टर था, जो गैंग के रूप में कई सालों से काम कर रहा था.

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उसपर हत्या के कई मामले दर्ज थे. सरकार इस मामले में इसलिए गंभीर है, क्योंकि उसकी हत्या जेल के भीतर हुई है. यह जांच का विषय है और मामले की जांच की जा रही है. जो कोई आरोपी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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