मुजफ्फरनगर दंगे: कवाल हत्याकांड के सभी आरोपी दोषी करार, कल कोर्ट सुनाएगा फैसला
trendingNow,recommendedStories0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand496694

मुजफ्फरनगर दंगे: कवाल हत्याकांड के सभी आरोपी दोषी करार, कल कोर्ट सुनाएगा फैसला

अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने 27 अगस्त, 2013 को युवकों की हत्या और दंगों के मामले में मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जनांगिर, अफजल और इकबाल को दोषी करार दिया. 

मुजफ्फरनगर दंगे: कवाल हत्याकांड के सभी आरोपी दोषी करार, कल कोर्ट सुनाएगा फैसला

मुजफ्फरनगर: स्थानीय अदालत ने 2013 मुजफ्फरनगर दंगों की शुरुआत से पहले हुई दो युवकों की हत्या मामले में सात लोगों को दोषी करार दिया है. इनमें से एक आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ था. कहा जाता है कि 2013 में इन्हीं दोनों युवकों की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर दंगे भड़के थे. कवाल गांव में भड़के इन दंगों में 60 लोगों की मौत हुई थी.

अदालत ने बुधवार को सात लोगों को गौरव और सचिन की हत्या का दोषी करार दिया. जिले के सरकारी वकील राजीव शर्मा ने बुधवार (06 फरवरी) को बताया कि अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने 27 अगस्त, 2013 को युवकों की हत्या और दंगों के मामले में मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जनांगिर, अफजल और इकबाल को दोषी करार दिया. सरकारी वकील अंजुम खान के मुताबिक, बुलंदशहर जेल में बंद मुजम्मिल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ. पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाने के कारण मुजम्मिल को अदालत नहीं लाया जा सका. अदालत इन सभी को शुक्रवार (08 फरवरी) को सजा सुनाएगी. 

ये था मामला
दरअसल, करीब साढ़े पांच साल पहले 27 अगस्त 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में यह दोहरा हत्याकांड हुआ था, जिसके बाद मुजफ्फरनगर के शामली में दंगा भड़क उठा था. इसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों परिवार बेघर हुए थे. मामले में सरकारी वकील आशीष कुमार त्यागी ने बताया कि साल 2013 में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों और आरोपियो में मोटरसाइकिल की टक्कर के बाद विवाद हो गया था. इसमें दोनों युवकों की हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा आरोपी पक्ष के शाहनवाज की भी इस दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद से मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था. 

मृतक गौरव के पिता ने जानसठ कोतवाली में कवाल के मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम, जहांगीर, अफजाल और इकबाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, मृतक शाहनवाज के पिता ने भी सचिन और गौरव के अलावा उनके परिवार के 5 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. हालांकि, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल ने जांच के बाद शाहनवाज हत्याकांड में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी. 

 

यूपी सरकार ने मामलें वापस लेने की थी सिफारिश
गौरतलब है कि हाल ही में यूपी सरकार ने साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के 38 आपराधिक मामलों को वापस लेने की सिफारिश की थी. इन मुकदमों को वापस लेने की संस्तुति रिपोर्ट 29 जनवरी को मुजफ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को भेजी गई थी. यूपी सरकार ने पिछले 10 जनवरी को इन मुकदमों को वापस लेने की स्वीकृति दी थी. 

Trending news