समाजवादी पार्टी में 'वार' और 'पलटवार' का दौर जारी है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव द्वारा आज बुलाए गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध घोषित कर दिया। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा कदम उठाते हुए नरेश उत्तम को यूपी का सपा अध्यक्ष घोषित किया। रामगोपाल यादव के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध करार देते हुए मुलायम सिंह यादव ने पांच जनवरी को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है। साथ ही उन्होंने किरनमय नंदा और नरेश अग्रवाल को सपा से निष्कासित कर दिया।
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी में 'वार' और 'पलटवार' का दौर जारी है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव द्वारा आज बुलाए गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध घोषित कर दिया। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा कदम उठाते हुए नरेश उत्तम को यूपी का सपा अध्यक्ष घोषित किया। रामगोपाल यादव के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध करार देते हुए मुलायम सिंह यादव ने पांच जनवरी को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है। साथ ही उन्होंने किरनमय नंदा और नरेश अग्रवाल को सपा से निष्कासित कर दिया।
वहीं, उत्तर प्रदेश सपा मुख्यालय में अखिलेश समर्थकों ने भारी हंगामा किया। अखिलेश के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय से शिवपाल यादव का नेमप्लेट हटा दिया।
अखिलेश के करीबी माने जाने वाले सपा प्रवक्ता एवं राज्य के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने यहां बताया कि अखिलेश ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को शिवपाल यादव की जगह पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पटेल ने पदभार ग्रहण कर लिया है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पूरे तौर पर अखिलेश का अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लिया है और अब उनके निर्णयों को किसी भी तरह चुनौती नहीं दी जा सकती।
रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्कासित करने के मुलायम सिंह के फैसले के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई फैसला मान्य नहीं होगा।
Mulayam Singh Yadav has expelled Kiranmoy Nanda and Naresh Agrawal from Samajwadi Party
— ANI UP (@ANINewsUP) January 1, 2017
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से बुलाये गये आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वयं रामगोपाल ने कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। रामगोपाल ने अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे अधिवेशन ने मंजूर किया।अधिवेशन ने मुलायम सिंह यादव को सपा का संरक्षक बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगायी तो राज्यसभा सांसद अमर सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
CM Akhilesh Yadav's supporters create chaos at Samajwadi Party's office in Lucknow, remove Shivpal Yadav's nameplate from party office pic.twitter.com/agCxxgCfOs
— ANI UP (@ANINewsUP) January 1, 2017
मुलायम द्वारा असंवैधानिक घोषित किए गए इस राष्ट्रीय अधिवेशन में मंच पर मंत्री अहमद हसन, बलवन्त सिंह रामूवालिया, अरविन्द सिंह गोप, रामगोविन्द चौधरी और राजेन्द्र चौधरी समेत ज्यादातर वह नेता मौजूद थे, जो कभी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के हमसाया हुआ करते थे। मंच पर सपा से बख्रास्त किये गये और अखिलेश के करीबी युवा नेता भी मौजूद थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद अखिलेश ने कहा कि वह हमेशा सपा मुखिया का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करेंगे। ‘कुछ लोग नेताजी (मुलायम) और पार्टी के खिलाफ साजिश कर रहे थे और बेटा होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती थी कि हम ऐसे साजिशकर्ताओं के खिलाफ खड़े हों।’