अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर जिसकी दैवीय शक्ति के आगे अंग्रेजी हुकूमत ने भी टेक दिए थे घुटने
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अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर जिसकी दैवीय शक्ति के आगे अंग्रेजी हुकूमत ने भी टेक दिए थे घुटने

भक्त यहां आकर दर्शन पूजन कर मनोकामनाएं मांगते हैं. मान्यता है कि मां सभी की मन्नत पूरी करती हैं.

अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर जिसकी दैवीय शक्ति के आगे अंग्रेजी हुकूमत ने भी टेक दिए थे घुटने

देवरिया: नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. इस दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. यूपी के देवरिया जिला मुख्यालय से 11 किमी दूरी पर अहिल्यापुर देवी मंदिर, नवरात्रि में भक्त के लिए आस्था का केंद्र बना रहता है. यहां पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक भक्त यहां आकर दर्शन पूजन कर मनोकामनाएं मांगते हैं. मान्यता है कि मां सभी की मन्नत पूरी करती हैं.

मां के चमत्कार के आगे ब्रिटिश भी झुकाते थे सिर
अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर का इतिहास बेहद पुराना और दिलचस्प है. बताया जाता है कि अंग्रेजी हूकूमत को भी आदि शक्ति मां दुर्गा के समक्ष शीश झुकाना पड़ा. दरअसल गोरखपुर से छपरा तक ब्रिटिश हुकूमत की देखेरख में रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी. रेलवे लाइन को, आज जहां मंदिर है, उस स्थान पर मां के पिंड से होकर गुजारना था. पिंड के बीचों-बीच से दिन में रेल पटरी बिछाते लेकिन अगली सुबह में वह पटरी उखड़ी हुई मिलती थी, यह क्रम कई दिनों तक चला.

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अंग्रेज अफसरों ने कराया मां के मंदिरका जीर्णोद्धार
अंग्रेज अफसरों को शक था कि स्थानीय लोग ऐसा कर रहे हैं इसलिए उन्होंने रात में रुकने का मन बनाया. आधी रात में स्वप्न में मां दुर्गा ने ऐसा करने से मना किया और तो अंग्रेज अफसर दंग रह गया और उच्चाधिकारियों को जानकारी के बाद पटरी को 100 मीटर से अधिक दूरी से होकर बिछाया गया. अंग्रेज अफसरों ने मां के शक्तिपीठ का जीर्णोद्धार कार्य भी कराया. नवरात्रि में दूर-दूर से भक्त अपनी मन्नतें लेकर आते हैं.

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