नेपाल में प्रवेश न मिलने पर भड़के नेपाली नागरिक, सोनौली बॉर्डर पर एक बार फिर हंगामा
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नेपाल में प्रवेश न मिलने पर भड़के नेपाली नागरिक, सोनौली बॉर्डर पर एक बार फिर हंगामा

इन नागरिकों की शिकायत है कि उन्होंने क्वारंटाइन पारियड भी पूरा कर लिया है, फिर भी नेपाल प्रशासन उन्हें प्रवेश नहीं दे रहा है. आक्रोश में आए सैकड़ों नेपाली नागरिकों के गुस्से को देखते हुए भारतीय प्रशासन ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया और क्वारंटाइन सेंटर वापस भेजा.

सोनौली बॉर्डर पर नारेबाजी करते नेपाली नागरिक

महराजगंज: सोनौली बॉर्डर की भारत-नेपाल सीमा पर भारत के अलग-अलग शहरों से पहुंचे नेपाली नागरिकों को प्रवेश न मिलने के बाद एक बार फिर रविवार रात हंगामा हुआ. गुस्साए नेपाल के नागरिकों ने नेपाल प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जबकि भारत के पक्ष में नारे लगाए. 

नेपाल में प्रवेश न मिलने को लेकर आक्रोश 
नेपाली नागरिकों को कहना है कि भारत के अलग-अलग शहरों से वे अपने देश के बॉर्डर पर पहुंचे, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिल रहा है. इन नागरिकों की शिकायत है कि उन्होंने क्वारंटाइन पारियड भी पूरा कर लिया है, फिर भी नेपाल प्रशासन उन्हें प्रवेश नहीं दे रहा है. आक्रोश में आए सैकड़ों नेपाली नागरिकों के गुस्से को देखते हुए भारतीय प्रशासन ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया और क्वारंटाइन सेंटर वापस भेजा.

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लॉकडाउन के चलते फंसे नेपाली नागरिक 
कोरोना संकट की वजह से देश में लॉकडाउन घोषित होने के बाद भारत और नेपाल की सभी सीमाओं को सील कर पब्लिक मूवमेंट्स पर रोक लगा दी गई थी. ऐेसे में बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक भारत के अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए थे. 21 मई को भी नेपाली नागरिक सैकड़ों की संख्या में सोनौली बॉर्डर पहुंचे तो नेपाल में इन्हें एंट्री नहीं मिली. तब भी उन्होंने नेपाली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी.

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868 नागरिकों की हुई वतन वापसी
हिंदुस्तान में काम कर रहे नेपाली लोग सोनौली सीमा पर फंसे हुए थे. महराजगंज जिला प्रशासन उन्हें क्वारंटीन सेंटर्स में रुकवाकर उनके खाने-पीने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद भारतीय अधिकारियों ने नेपाली प्रशासन से बातचीत की और 868 नागरिकों को सुरक्षित नेपाल वापस भेजा है. जो नागरिक अब भी यहां फंसे हुए हैं, उन्हें भेजने की कार्यवाही की जा रही है.

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