आज से बदल जाएगा गौतमबुद्ध नगर पुलिस का स्ट्रक्चर, ये होगी कमिश्नर की नई टीम
Advertisement

आज से बदल जाएगा गौतमबुद्ध नगर पुलिस का स्ट्रक्चर, ये होगी कमिश्नर की नई टीम

गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में IPS आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया है. 

आज से बदल जाएगा गौतमबुद्ध नगर पुलिस का स्ट्रक्चर, ये होगी कमिश्नर की नई टीम

नोएडा: आज से नोएडा का पुलिस का स्ट्रक्चर बदल जाएगा. गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में IPS आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया है. आलोक सिंह की टीम में 2 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त यानी आईजी रैंक के अफसर होंगे. जिनमें से एक लॉ एंड आर्डर संभालेंगे और दूसरे को क्राइम और हेडक्वार्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस टीम में 7 एसपी रैंक के भी अधिकारी तैनात किए जाएंगे. इस नए सिस्टम के तहत एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए तैनात की जाएगी. साथ ही एसपी एडिशनल कमिश्नर एसपी रैंक का अधिकारी यातायात के लिए विशेष रूप से तैनात होगा. इस टीम में 9 एडिशनल डीसीपी भी होंगे. 

नई पुलिस टीम में एक अस्सिटेंट रेडियो ऑफिसर और एक चीफ ऑफिसर होंगे. नोएडा में दो नए पुलिस थाने भी बनाए जाएंगे. आपको बता दें कि नोएडा की आबादी लगभग 25 लाख है और 24 पुलिस स्टेशन हैं. आपको बता दें कि उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली (Police Commissionerate System) को लागू करने की घोषणा सोमवार को कर दी थी. सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगाई गई. इसके तहत अब प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्‍नर की तैनाती की जाएगी. एडीजी स्तर का अधिकारी पुलिस कमिश्नर के रूप में कार्य करेगा. उनके साथ दो ज्‍वॉइंट कमिश्नर भी तैनात होंगे, जो आईजी स्तर के होंगे. दो जगहों पर इस सिस्टम के सफल होने पर बाकी महानगरों में भी इसे लागू किया जा सकता है.

क्या होता है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम ?
अब पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे, उन्हें DM या मंडलायुक्त से इजाजत नहीं लेनी होगी. कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस के अधिकार बढ़ जाते हैं. कानून व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर फैसला ले सकेंगे. SDM और ADM की मैजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाएगी. पुलिस कमिश्नर प्रणाली में पुलिस कमिश्नर सर्वोच्च पद होता है. एडीजी स्तर के सीनियर IPS को पुलिस कमिश्नर बनाकर तैनात किया जाता है. महानगर को कई जोन में विभाजित किया जाता है.

हर जोन में DCP की तैनाती होती है, जो एसएसपी की तरह उस जोन में काम करता है. वो उस पूरे जोन के लिए जिम्मेदार होता है. CO की तरह ACP तैनात होते हैं, ये 2 से 4 थानों को देखते हैं. बता दें कि आजादी से पहले अंग्रेजों के दौर में कमिश्नर प्रणाली लागू थी. लेकिन, आजादी के बाद भारतीय पुलिस ने इसे अपनाया
यह व्यवस्था 100 से अधिक महानगरों में लागू है. होटल, बार, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी अब पुलिस के पास होगा. धरना प्रदर्शन की अनुमति देने, न देने का अधिकार भी पुलिस के पास होगा. दंगे के दौरान लाठी चार्ज होगा या नहीं पुलिस तय करेगी. कितना बल प्रयोग हो यह भी पुलिस ही तय करेगी
जमीन की पैमाइश से लेकर जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण का अधिकार भी पुलिस को मिल जाएगा.

पुलिस कमिश्‍नरी सिस्‍टम लागू होने से क्‍या होगा..

-पुलिस को पर्याप्त अधिकार के साथ पर्याप्त जवाबदेही वाला कानून लागू.
-अब दंगाइयों, उपद्रवियों के बुरे दिन, बल प्रयोग के लिए पुलिस को नहीं करना पड़ेगा मजिस्ट्रेट का इंतजार.
-अब जो दंगा करेगा, उपद्रव करेगा, आमजन और पुलिस पर हमला करेगा, सार्वजनिक संपत्तियों को बर्बाद करेगा, उससे सीधे निपटेगी पुलिस.
-पुलिस में भी लागू होगा सिंगल विंडो सिस्टम.
-अब गुडों, माफियाओं, सफेदपोशों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेटों के कार्यालयों में नहीं भटकना पड़ेगा.
-पुलिस को खुद होगा गुंडों, माफियाओं और सफेदपोशों को चिन्हित कर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई का पूरा अधिकार.
-अपराधियों, माफियाओं और सफेदपोशों के असलहों के लाइसेंस कैंसिल करने के लिए भी पुलिस के पास हुए सीधे अधिकार.
-151 और 107, 116 जैसी धाराओं में पुलिस को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजने का होगा अधिकार.
-आमजन के हित के फैसलों में नौकरशाही का मकड़जाल खत्म.
-कमिश्नर सिस्टम से बढ़ेगी पुलिस की जवाबदेही.
-थाने स्तर पर आम लोगों की सुनवाई और बेहतर होगी.
-पुलिस की गड़बड़ी पर होगा अंकुश.

Trending news