भवन निर्माण इकाइयों को निर्माण सामग्री को ढंक कर रखने, ग्रीन नेट लगाए जाने, भवन सामग्री में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को कवर कर ले जाए जाने और निर्माण स्थलों के आस-पास समुचित मात्रा में जल छिड़काव कराए जाने का नोटिस भी जारी किया गया.
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लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए लखनऊ शहर में मौजूद 13 वायु प्रदूषणकारी इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किया गया. इसके साथ ही 100 से अधिक भवन निर्माण इकाइयों को निर्माण सामग्री को ढंक कर रखने, ग्रीन नेट लगाए जाने, भवन सामग्री में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को कवर कर ले जाए जाने और निर्माण स्थलों के आस-पास समुचित मात्रा में जल छिड़काव कराए जाने का नोटिस भी जारी किया गया.
लखनऊ के कलेक्ट्रेट सभागार में लखनऊ जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लखनऊ शहरी क्षेत्र में व्याप्त वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव और सर्दी के मौसम में सम्भावित वायु प्रदूषण और स्मॉग की समस्या को रोकने के लिए लखनऊ में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से तैयार की गई कार्य योजना पर समीक्षा बैठक की. बैठक में डीएम लखनऊ ने नगर निगम, लखनऊ को निर्देश दिये गए कि नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कूड़े को जलने से रोकने के लिए कार्मिकों की जिम्मेदारी तय की जाए और शहर के किसी भी क्षेत्र में कूड़ा जलने की घटना न होने पाए.
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इसके साथ ही जिलापूर्ति अधिकारी को शहर के अंदर संचालित रेस्टोरेंट, ढाबों और होटलों में लकड़ी और कोयला के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाए जाने को लेकर भी निर्देश जारी किए हैं. जिला कृषि अधिकारी को भी निर्देश दिए गए कि कृषि अपशिष्ट को जलाने से रोकने के लिए तहसील स्तर और ब्लॉक स्तर पर ठोस कार्रवाई की जाए. डीएम लखनऊ ने परिवहन अधिकारी को शहर के अंदर चलने वाले डीजल टैम्पों वाहनों को शहरी क्षेत्र में चलने से रोकने और वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों से चेक कराने के भी निर्देश जारी किए हैं.
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लखनऊ में प्रदूषण को रोकने के लिए ली गई बैठक में अपर जिलाधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, पर्यावरण अभियन्ता, नगर निगम, अधीक्षक यातायात, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, अधिशाषी अभियंता, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद, जिला पूर्ति अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड, लखनऊ विकास प्राधिकरण, जिला उद्योग केन्द्र, अग्निशमन विभाग और ग्रीन गैस के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.