भारतीय सेना को मिले 347 नए जांबाज, हेलीकॉप्टर से की गई फूलों की बारिश
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भारतीय सेना को मिले 347 नए जांबाज, हेलीकॉप्टर से की गई फूलों की बारिश

भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया जिसमें 347 सैन्य अधिकारी पास आउट हुए.

इनमें अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान और वियतनाम के कैडेट शामिल हैं.

देहरादून (राम अनुज): आज भारतीय सेना को 347 जांबाज सैन्य अधिकारी मिल गए हैं. भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया जिसमें 347 सैन्य अधिकारी पास आउट हुए. इस मौके पर थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबु मौजूद रहे. आईएमए की ऐतिहासिक बिल्डिंग के परिसर में पीओपी का आयोजन किया गया.

आईएमए की ऐतिहासिक चेकवुड बिल्डिंग से अब तक 61 हजार सैन्य अधिकारी पास आउट हो चुके हैं. 1932 में इस बिल्डिंग की स्थापना हुई थी. तब से लेकर आज तक लगातार पासिंग आउट परेड इसी परिसर में हो रही है. इस मौके पर मित्र देशों के 80 कैडेट पास आउट हुए हैं. अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान और वियतनाम के कैडेट शामिल हैं. वहीं, इस दौरान सेना के तीन हेलीकॉप्टर से वीर सैन्य अधिकारियों के ऊपर फूलों की बारिश की गई.

थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देव राज अंबु का कहना है कि सैनिकों को इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे वे घुसपैठ रोकने के साथ हर तरह के हालातों में दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकें.
 
किसान का बेटा बना सैनिक
वहीं, महाराष्ट्र के रहने वाले उसारे प्रवीण का कहना है कि उनके पिता किसान हैं और खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन उन्होंने हमेशा से सपना देख रखा था कि वे देश की हिफाजत के लिए काम करेंगे और उन्होंने सेना को अपना मुकाम बनाया. उनका कहना है कि कड़ी मेहनत के बाद उनको ये मुकाम हासिल हुआ है. उसारे प्रवीण का कहना है कि अगर युवा दृढ़ संकल्प कर लें तो वे अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.

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जॉब छोड़ आए सेना में
वही, कई ऐसे सैन्य अधिकारी सेना को मिले हैं जिन्होंने शुरुआत में मल्टीनेशनल कंपनियों में भी काम किया लेकिन जब उनका मन वहां नहीं लगा तो उन्होंने सेना को ज्वाइन किया है. युवा संघ अधिकारियों का कहना है कि जो युवा सेना में आना चाहते हैं उन्हें अपने ऊपर खुद भरोसा करना होगा और वह अपने मुकाम को हासिल कर सकते हैं.

इनका हुआ सम्मान
पीओपी के दौरान अपनी कड़ी ट्रेनिंग के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले कैडेट को सम्मानित भी किया गया. गार्ड ऑफ ऑनर और गोल्ड मेडल से अर्जुन ठाकुर को सम्मानित किया गया. साथ ही सिल्वर मेडल से गुरबीर सिंह तलवार और ब्रॉन्ज मेडल से गुरुवंश सिंह गोसल को सम्मानित किया गया. सैन्य अधिकारी मयंक जोशी ने इस मौके पर कहा कि वो दुश्मन के मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने इतनी कड़ी मेहनत से ट्रेनिंग ली है कि वो सभी परिस्थितियों का मुकाबला कर सकते हैं.

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