यूपी सरकार एक और इतिहास रचने वाली है. प्रदेश के एक एक्सप्रेसवे पर देश में पहली बार सोलर प्रोजेक्ट लगने वाला है. जानिए पूरी डिटेल...
Solar Expressway: देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में है. योगी सरकार अब एक और रिकॉर्ड बनाने वाली है. यहां एक एक्सप्रेसवे पर पहली बार सोलर प्रोजेक्ट लगने वाला है. जिससे इस राज्य के लाखों घरों को बिजली साथ ही कई सुविधाएं मिलेंगी.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को बतौर सोलर एक्सप्रेसवे विकसित किया जाएगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 7 जिलों से गुजरता है, जिसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा शामिल हैं.
इसी बेल्ट पर सोलर पैनल स्थापित कर 550 मेगावॉट सोलर पावर जनरेट की जाएगी. इस परियोजना के पूरा होने से ग्रीन एनर्जी डेवलप होगी, जिससे 1 लाख घरों तक बिजली सप्लाई की जाएगी. माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा.
यूपी में कई एक्सप्रेसवे और हाईवे हैं और कईयों के निर्माण कार्य हो रहे हैं. इनमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सबसे अलग पहचान बनाने जा रहा है. यूपीडा (UPEIDA) बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित कर रही है. 296 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे.
यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे (Solar Expressway) होगा. इस परियोजना के पूरा होने से लगभग एक लाख घरों को बिजली मिलेगी. इसके लिए व्यापक पैमाने पर जमीन अधिग्रहण के लिए चिह्नित कर ली गई है. इसके लिए 8 सोलर पॉवर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन पूरा कर लिया है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. यह एक्सप्रेसवे पर मुख्य मार्ग और सर्विस लेन के बीच 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेसवे में खाली है. इस परियोजना के पूरा होने से ग्रीन एनर्जी डेवलप होगी.
इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड, पूर्वांचल, लखनऊ आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे पर सोलर पैनल प्लांट लगाने से सालाना ऊर्जा खपत पर 6 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा. लिहाजा, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस प्रोजेक्ट को लगाने के लिए सबसे उपयुक्त है। यहां भूमि आसानी से उपलब्ध है.
यहां मौसम अधिकतर साफ और शुष्क रहता है. इसके अतिरिक्त यहां हर साल लगभग 800 से 900 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की जाती है. 296 किमी फोरलेन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण पर यूपीडा ने करीब 14850 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
इसे भविष्य में 6 लेन तक विकसित किया जा सकता है. ये एक्सप्रेसवे इधर चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से लेकर इटावा के कुदरैल गांव तक फैला है, जहां आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में मिलता है.
एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रात-दिन पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस की गस्त रहती है. इसमें वाहन चालकों को टोल टैक्स के रूप में 600 रुपये 3900 रुपये तक चुकता करने पड़ सकते हैं.
इस प्रोजेक्ट का काम ग्रीन एनर्जी को सपोर्ट करने वाला ग्लोबल संगठन ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट (GEAPP) देख रहा है. यह प्रोजेक्ट अगले 15 महीने में तैयार कर लिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के शुरू किए जाने के बाद यहां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भविष्य में चार्जिंग स्टेशन लगाना आसान हो जाएगा.
एक्सप्रेसवे का सौंदर्यीकरण तो होगा ही, हजारों को रोजगार भी मिलेगा. इसके अलावा दोनों किनारे बसे दर्जनों गांवों को भी इसका लाभ मिलेगा और वहां सोलर बिजली की सुविधा दी जा सकेगी.