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कभी जीवन में नहीं मिलेगी सफलता..जिंदगी बदल देंगी नीम करौली बाबा की ये 7 सीख!

कैंची धाम वाले नीम करौली बाबा को आज के समय में हर किसी ने सुना होगा. वह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैचीं आश्रम में दूर-दूर से भक्त आते हैं. देश ही नहीं विदेश में भी उनके भक्त हैं.

कैंची धाम कहां स्थित है?

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कैंची धाम कहां स्थित है?

नैनीताल जिले में कैंची धाम स्थित है. बाबा नीम करौली साल 1961 में यहां आए थे. अपने मित्र के साथ उन्होंने यहां आश्रम का निर्माण कराया जो 1964 में बनकर तैयार हुआ. नीम करोरी बाबा की समाधि भी यहीं पंतनगर में बनी है. प्रसिद्ध कैंची धाम में हर साल 15 जून को कैंची धाम मेला लगता है. यहां लाखों भक्त आते हैं. आइए जानते हैं उनकी 10 बड़ी सीख.

 

प्रेम और सेवा

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प्रेम और सेवा

बाबा नीम करौली कहते थे कि सभी से प्रेम करना चाहिए और सभी की सेवा करनी चाहिए. यही नहीं वह सभी को भोजन कराने और ईश्वर का ध्यान करने की सीख देते हैं. 

 

सभी से प्यार

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सभी से प्यार

बाबा नीम करौली कहते थे कि यह न देखो कि कोई तुमको दुख दे रहा है या शर्मिंदा कर रहा है.आप जैसे ईश्वर से प्रेम करते हैं वैसे ही सभी लोगों से करें.

 

दुख पसंद

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दुख पसंद

नीम करौली बाबा कहते थे कि उन्हें हमेशा दुख पसंद है क्योंकि यह उन्हें ईश्वर के करीब ले जाता है.

प्रेम क्यों जरूरी

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प्रेम क्यों जरूरी

नीम करोली बाबा के मुताबिक, प्रेम सबसे शक्तिशाली दवा है, जो बिजली से भी अधिक शक्तिशाली है.

 

ईश्वर कहां खोंजे

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ईश्वर कहां खोंजे

नीम करोली बाबा के मुताबिक, लोगों को हर चीज में ईश्वर को देखने का प्रयास करना चाहिए बजाय इसके कि हर चीज में उसको खोजा जाए.

सब कुछ नश्वर

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सब कुछ नश्वर

नीम करोली बाबा कहते थे, सिवाय ईश्वर के प्रेम के इस दुनिया में सब कुछ नश्वर है. अगर आप एक-दूसरे से प्रेम नहीं कर सकते तो कभी भी जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर सकते.

पूजा का सर्वोत्तम रूप

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पूजा का सर्वोत्तम रूप

नीम करोली बाबा कहते थे कि पूजा का सर्वोत्तम रूप ईश्वर है क्योंकि वह हर रूप में मौजूद है. बाबा का मानना था कि जो भगवान के लिए काम करता है, उसका काम अपने आप हो जाता है.

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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