Silkyara Tunnel: चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले नई खुशखबरी केदारनाथ-बद्रीनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले तीर्थयात्रियों को मिली है. चारधाम दर्शन करने और लौटने के लिए उत्तरकाशी जिले में 40 किमी लंबे और कठिन सफर का अब अंत होगा. उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा टनल बनकर तैयार है. इससे दो घंटे का यह सफर 5 से 10 मिनट में पूरा होगा. चार धाम मार्ग हर मौसम में चालू रखने में आसानी होगी.
उत्तराखंड की सबसे लंबी चार किमी निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का आज ब्रेकथ्रू हो गया है. यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग अब आर-पार हो गई है. सुरंग के आर-पार होने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
टनल के बाहर बने बाबा बौखनाग मंदिर की भी प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की. इसके साथ ही सुरंग के ब्रेकथ्रू के मौके पर वहां पर भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश महामंत्री समेत कई पार्टी के दिग्गज मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस टनल के बनने से इलाके में आवागमन आसान हो जाएगा. इतना ही नहीं अन्य गतिविधियां भी तेज होगी.
पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट चारधाम सड़क परियोजना के तहत साल 2018-19 में यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव करीब 853.79 करोड़ की लागत से करीब चार किमी लंबी सुरंग का निर्माण शुरू किया गया था.
यह टनल तब सुर्खियों में आया, जब 12 नवंबर 2023 में अचानक मलबा आने से 41 मजदूर फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था. रेस्क्यू ऑपरेशन में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया था.
इसके बाद वहां पसरा करीब 60 मीटर मलबे को हटाना NHIDCL की कार्यदायी संस्था के लिए मुसीबत बन गया था. इस मलबे के कारण सुरंग निर्माण के कार्य प्रभावित हो रहे थे.
मलबा हटने के बाद कार्यदायी संस्था की ओर से वहां सुरंग के आर-पार होने के लिए बचे 30 मीटर हिस्से पर तेजी से काम शुरू किया गया. फिर एनएचआईडीसीएल की ओर से वहां 2024 के मध्य में दोबारा कार्य शुरू किया गया.
मलबा हटने के बाद कार्यदायी संस्था नवयुगा कंपनी ने वहां सुरंग के आर-पार होने के लिए बचे 30 मीटर हिस्से पर तेजी से काम शुरू किया. अब सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आरपार हो गई है. इस मौके पर सीएम धामी ने कंपनी के मजदूरों को भी सम्मानित किया.
इसको आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा और उसके बाद इसपर आवाजाही के लिए सुचारू किया जाएगा. आपको बता दें कि सुरंग के शुरू होने से गंगा और यमुना घाटी के बीच की 40 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी.