मगहर से होगा चुनावी शंखनाद!, कबीर के नाम से दलितों को साधेगी बीजेपी
Advertisement

मगहर से होगा चुनावी शंखनाद!, कबीर के नाम से दलितों को साधेगी बीजेपी

उपचुनाव 2018 में मिली करारी हार के बाद बीजेपी के सामने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में दलित राजनीति को साधना अहम चुनौती है. 

पीएम मोदी सुबह करीब 9.30 बजे लखनऊ पहुंचे. यहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. (फोटो एएनआई)

नई दिल्ली/ संत कबीर नगर: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के मगहर में गुरुवार (28 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचेंगे. सूफी संत कबीर साहब के 620वें प्राकट्य उत्सव पर पीएम मोदी कबीर की समाधि और मजार के दर्शन करेंगे. लेकिन, पीएम मोदी के दौरे से पहले काले मेघों ने संकट खड़ा कर दिया है. दरअसल, मंगलवार से शुरू हुई बारिश रूक-रूककर हो रही है. गुरूवार (28 जून) को भी मौसम ने फिर मिजाज बदला. काले बादलों ने ये संकट खड़ा कर दिया है कि संत कबीर नगर जिले में होने वाली पीएम की रैली से पहले अगर बारिश हो गई, तो रैली कैसे होगी? दरअसल, पीएम मोदी की इस रैली को लेकर माना जा रहा है कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जुटी बीजेपी, इस बार कबीर के नाम को जोड़कर करेगी. 

ये भी पढ़ें: LIVE : मगहर में शुरू हुई बारिश, पीएम मोदी के कार्यक्रम में हो सकती है देरी 

कबीर के नाम से दलितों को साधेगी बीजेपी
हाल ही में सपा और बसपा के बीच हुए गठबंधन ने बीजेपी को तब हरकत में डाल दिया. जब उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनावों में बीजेपी के हाथ खाली रहें. सपा और बसपा के गठबंधन ने बीजेपी के करारी पटखनी दी. इस हार के बाद बीजेपी के सामने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में दलित राजनीति को साधने की अहम चुनौती मिली है. आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले दिनों दलित आरक्षण को लेकर विपक्ष पर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया में दलितों को आरक्षण दिलाने के लिए कोई आवाज क्यों नहीं उठती.

ये भी पढ़ें:  आज संत कबीर नगर पहुंचेंगे PM मोदी, कबीर दास मगहर एकेडमी की रखेंगे आधारशिला

मगहर से 2019 की तैयारी 
मगहर में संत कबीर दास में आखिरी समय व्यतीत किया था. अपने समय के सामाजिक आडम्बरों और कुरीतियों पर जमकर चोट करने वाले कबीर की नगरी में पहुंचकर पीएम मोदी मिशन 2019 का शंखनाद कर सकती है. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की शुरूआत काशी से हुई थी. भारतीय समाज में ये मान्यता है कि काशी में मरने वाले को स्वर्ग और मगहर में मरने वाले को नर्क मिलता है. इसलिए ये माना जा रहा है कि यहां पहुंचकर पीएम मोदी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का शंखनाद कर सकते हैं. उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी की योजना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर महीने यूपी में कम से कम एक रैली हो, जिससे 2019 के मिशन को आसान बनाया जा सके. 

ये भी पढ़ें:  संत कबीर की मजार पर CM योगी ने टोपी पहनने से किया इनकार

बढ़ेगी विपक्ष की परेशानी
प्रधानमंत्री की लोकप्रियता देश से लेकर विदेशों तक है. बीजेपी ने संपर्क फॉर सर्मथन के जरिए महापुरुषों से बात की. संपर्क के जरिए उनसे सरकार के कार्यों को लेकर समीक्षा की और ये जानना चाहा कि सरकार अपने काम को और किस तरह बेहतर करें. बीजेपी के नेता भी ये भी मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोग सुनना चाहते हैं. जनता की बीच पहुंचकर वो उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं. पीएम मोदी जितना लोगों से मिलेंगे, संवाद करेंगे, रैलियां करेंगे वो विपक्ष के लिए खतरें की घंटी से कम नहीं है.

Trending news