पुलिस ने वीडियो में फायर करते हुए दिख रहे बवालियों के बारे में जानकारी जुटाई तो सभी विवादित संगठन पीएफआई के सदस्य निकले.
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विवेक शुक्ला/मेरठ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान उपद्रव करने वालों को गिरफ्तार कर रही है. जिन उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था उनके खिलाफ नोटिस जारी किए जा रहे हैं. मेरठ पुलिस ने 20 दिसंबर को शहर में हुए हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ होने की बात कही है. मेरठ पुलिस ने कहा कि जिले में हुए हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के पीछे पीएफआई की साजिश थी. कुछ रोज पहले मेरठ पुलिस ने दो वीडियो जारी किए थे जिनमें कुछ उपद्रवी पुलिस पर खुलेआम फायरिंग करते हुए नजर आए थे.
पुलिस ने वीडियो में फायर करते हुए दिख रहे बवालियों के बारे में जानकारी जुटाई तो सभी विवादित संगठन पीएफआई के सदस्य निकले. मेरठ पुलिस ने हिंसा के दौरान गोली चलाने वाले तीन आरोपियों की फोटो जारी की है. पुलिस के मुताबिक इन तीनों आरोपियों की पहचान अनीश, फैजल और नईम के तौर पर की गई है. ये सभी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हैं. पुलिस इन तीनों ही आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है. पुलिस जल्द ही इन तीनों पर इनाम का भी ऐलान कर सकती है.
पीएफआई पर कस रहा शिकंजा
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए हिंसात्मक विरोध के पीछे पीएफआई का हाथ सामने आया है। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि पुलिस के पास पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और अब तक 25 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। दो दिन पहले यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने पीएफआई को सिमी का ही बदला हुआ रुप बताया था। यूपी गृहविभाग की तरफ से पीएफआई को बैन करने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया था, जिसके बाद लगातार पीएफआई को लेकर जांच जारी है.