वाराणसी: कांग्रेस कार्यालय पर लगाए गए पोस्टर, प्रियंका गांधी की शूर्पणखा से कर दी तुलना
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वाराणसी: कांग्रेस कार्यालय पर लगाए गए पोस्टर, प्रियंका गांधी की शूर्पणखा से कर दी तुलना

वाराणसी में विश्व हिंदू सेना ने प्रियंका गांधी के पोस्टर चिपकाए हैं, जिस पर लिखा है 'कोटा से दूरी आखिर क्या मजबूरी? बताएं प्रियंका गांधी.' 

वाराणसी में विश्व हिंदू सेना ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रियंका गांधी के पोस्टर चिपकाए हैं.

नवीन पांडे/वाराणसी: वाराणसी  में एक बार फिर पोस्टर वार छिड़ गया है. पोस्टर के जरिए इस बार निशाना बनी हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा. वाराणसी में विश्व हिंदू सेना ने प्रियंका गांधी के पोस्टर चिपकाए हैं, जिस पर लिखा है 'कोटा से दूरी आखिर क्या मजबूरी? बताएं प्रियंका गांधी.' दरअसल, कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन हॉस्पिटल में पिछले एक महीने में 105 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है.

सीएए और प्रस्तावित एनआरसी पर काफी मुखर रहने वाली प्रियंका गांधी ने इस घटना पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जबकि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के हिंसक विरोध के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से प्रियंका गांधी ने उनके घर जाकर मुलाकात की है.' 

प्रियंका की तुलना शूर्पणखा से
विश्व हिंदू सेना के संस्थापक अध्यक्ष अरुण पाठक ने प्रियंका गांधी से पोस्टर के माध्यम से सवाल किए हैं और उन्हें वाराणसी के कांग्रेस कार्यालय पर चस्पा किए हैं. अरुण पाठक ने इस संबंध में कहा, 'प्रियंका जामिया मिलिया इस्लामिया चली जाती हैं, दंगाई के परिवार में चली जाती हैं, उनसे गहरी संवेदना है लेकिन कोटा नही जाती हैं जहां सैकड़ों बच्चों की मौत हुई है.

क्या उनके परिवार में दर्द नहीं, क्या उन्हें सहानुभूति की आवश्यकता नहीं, क्या सहानुभूति और संवेदना केवल जामिया मिलिया इस्लामिया में है. क्या सहानुभूति और संवेदना केवल दंगा करने वाले लड़कों के घरवालों के साथ है? इससे प्रतीत होता है कि प्रियंका केवल तुष्टिकरण की राजनीति कर अपना उल्लू सीधा करना चाहती हैं और जनता को बेवकूफ बना रही हैं. ऐसी मानसिकता वाली प्रियंका का हाल वही होगा जो शूर्पणखा का हुआ था.'

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