विनीत कुमार उपाध्याय का आरोप था कि उनके खिलाफ एक जांच में एडीएम (एफआर) ने गलत रिपोर्ट लगा दी है. इससे मामले में उन्होंने प्रतापगढ़ डीएम डॉ. रुपेश कुमार और दो एसडीएम सहित कई अन्य कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
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प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में शुक्रवार को जिलाधिकारी और दो एसडीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर अपनी पत्नी के साथ डीएम आवास में धरने पर बैठे अतिरिक्त एसडीएम निलंबित विनीत कुमार उपाध्याय कर दिए गए हैं. उन्होंने करीब चार घंटे बाद अपना धरना समाप्त कर दिया था, जब उनको डीएम से पट्टा आवंटन में घपले पर कार्रवाई का आश्वासन मिला. शाम होते-होते शासन ने विनीत कुमार उपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया.
जानिए क्या है पूरा मामला, डीएम पर क्या आरोप हैं?
विनीत कुमार उपाध्याय का आरोप था कि उनके खिलाफ एक जांच में एडीएम (एफआर) ने गलत रिपोर्ट लगा दी है. इससे मामले में उन्होंने प्रतापगढ़ डीएम डॉ. रुपेश कुमार और दो एसडीएम सहित कई अन्य कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. मामला लालगंज इलाके की जमीन पर विद्यालय की मान्यता से जुड़ा है. जानकारी के मुताबिक जिस जमीन पर विद्यालय होने की बात कहकर मान्यता ली गई, विद्यालय वहां न होकर दूसरी जगह संचालित हो रहा है.
इस मामले की शिकायत आने के बाद एसडीएम अतिरिक्त विनीत उपाध्याय ने जांच की तो बात सही निकली. उन्होंने जांच रिपोर्ट बनाकर डीएम को भेज दी. लेकिन वह फाइल दबा दी गई और शासन को नहीं भेजी गई. इसी बात को लेकर विनीत उपाध्याय नाखुश हैं. विनीत उपाध्याय का आरोप है कि एसडीएम सदर, एडीएम वित्त तथा डीएम डॉ. रुपेश कुमार ने मिलकर भ्रष्टाचार किया है. इतना बखेड़ा होने के बाद भी डीएम भ्रष्टाचार की जांच नहीं करवा रहे हैं.
पहले भी विवादों में रह चुके हैं विनीत कुमार उपाध्याय
आपको बता दें कि एसडीएम विनीत उपाध्याय प्रतापगढ़ में बीते दो साल से तैनात हैं. साल 2019 नवंबर में इनकी तैनाती लालगंज तहसील में थी. तब वकीलों से इनका कुछ विवाद हो गया था. विनीत उपाध्याय ने होमगार्ड की रायफल छीनकर वकीलों पर तान दी थी. उस समय प्रतागढ़ के जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही थे. उन्होंने विनीत उपाध्याय को एसडीएम लालगंज के पद से हटाकर अतिरक्ति एसडीएम बना दिया था. इस बार शासन ने उन्हें अनुशासनहीनता में निलंबित कर दिया है.
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