Prayagraj News: सावन का महीना शुरू होने वाला है, इससे पहले भोले नाथ के इस मंदिर में भक्तों के लिए नया ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. मंदिर प्रशासन ने भक्तों से जींस और टीशर्ट पहनकर न आने की अपील की है.
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Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज के प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों के लिए नई गाइडलाइन जारी हुई है. महादेव के मंदिर में अभिषेक की इच्छा रखने वालों को मंदिर की नई गाइडलाइन के अनुसार ही गर्भ में प्रवेश मिलेगा. नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब मनकामेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालु जींस और टीशर्ट पहनकर अभिषेक नहीं कर पाएंगे. महादेव के मंदिर में अभिषेक वही श्रद्धालु कर पाएंगे जो पारंपरिक परिधान यानी पुरुष धोती कुर्ता और महिलाएं साड़ी और शूट में आएंगी. नया नियम आगामी श्रवण मास की शुरुआत से लागू हो जाएगा.
मंदिर प्रशासन ने सावन से पहले लागू किया नया ड्रेस कोड
अब महादेव के मंदिर में अभिषेक करने वाले पुरुष श्रद्धालुओं को कुर्ता या शर्ट और धोती पहनना होगा.वहीं, महिलाओं को साड़ी या शूट में आना होगा. जींस टीशर्ट और शर्ट पहने श्रद्धालु अब महादेव के मंदिर में अभिषेक नहीं कर पाएंगे. मंदिर प्रबंधन का कहना है कि यह फैसला सनातन संस्कृति के अनुसार लिया गया है. हम कोई भी धार्मिक अनुष्ठान अपने पारंपरिक परिधान में ही करते हैं. उसी के अनुसार अब मनकामेश्वर महादेव के मंदिर में भी श्रद्धालु अभिषेक कर पाएंगे.
कुर्ता-धोती और साड़ी पहनकर आने की अपील
वहीं, मनकामेश्वर महादेव मंदिर में अभिषेक के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने के बाद भक्तों में भी उत्साह है. महादेव के भक्तों और श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर ध्यान और साधना का स्थल होता है. यहां अगर आप पारंपरिक परिधान में आएंगे तो उसका अधिक लाभ मिलेगा. पुरुषों के लिए धोती कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी में अभिषेक की अनुमति का फैसला भी सनातन संस्कृति के अनुरूप ही लिया गया है. भक्तों का कहना है कि हमारी प्राचीन परम्परा रही है, हम कोई भी अनुष्ठान अपने पारंपरिक परिधान में ही करते रहें हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हम पर पश्चिमी कल्चर हावी हुआ है. ऐसे में उसे बचाने और और अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन का फैसला सर्वमान्य है.
मनकामेश्वर मंदिर की मान्यता
प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रयागराज में संगम तट से करीब 500 मीटर पहले यमुना तट पर स्थित है. महादेव के मंदिर का अपना पौराणिक महत्व है. त्रेता में भगवान राम भी मां सीता के साथ यहां पर अभिषेक के लिए पहुंचे थे. उन्होंने अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बाकायदा हवन, पूजन और महादेव का अभिषेक किया था. इसके बाद भगवान राम मां सीता के साथ वनवास के लिए रवाना हुए थे. प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर का महत्व तमाम धार्मिक ग्रंथो में भी मिलता है. यही वजह है कि श्रावण मास में श्रद्धालुओं का भारी हुजूम मनकामेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन पूजन और अभिषेक के लिए पहुंचता है. हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु मनकामेश्वर महादेव के मंदिर में अभिषेक करते हैं. इस बार श्रावण मास से ठीक पहले मंदिर प्रबंधन की तरफ से ड्रेस कोड लागू किए जाने का फैसला चर्चाओं में आ गया है.
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