प्रयागराज से करीब 90 किलोमीटर मिर्जापुर है. यहां का विंध्याचल क्षेत्र विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है. यहां धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य आपका मन मोह लेगी.
यहां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर और त्रिकूट पर्वत दर्शनीय हैं. प्रयागराज से मिर्जापुर बस और ट्रेन से पहुंचा जा सकता है. गर्मी में यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है.
प्रयागराज से करीब 130 किलोमीटर दूर चित्रकूट है. चित्रकूट का इतिहास रामायण काल से संबंधित है. चित्रकूट घने जंगल और शांत पहाड़ों से घिरा है. यहां मंदाकिनी नदी का शांत वातावरण मनमोह लेगा.
यहां आप गुप्त गोदावरी की गुफाएं, लक्ष्मण पहाड़ी, हनुमान धारा, कामदगिरि मंदिर, राम दर्शन, भरत मिलाप मंदिर और जानकी कुंड के दर्शन कर सकते हैं.
प्रयागराज से करीब 149 किलोमीटर दूर चंदौली है. जहां लगभग हर कोई घूमना चाहेगा. चंदौली शहर प्राकृतिक नजारों के लिए खूब प्रसिद्ध है. यहां हिल स्टेशन का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं.
चंदौली छोटे-छोटे पहाड़, घने जंगल और हरियाली से घिरा हुआ है. यहां स्थित चंद्रप्रभा वन्यजीव, चंद्रप्रभा बांध, देवदरी वॉटरफॉल, हेतमपुर फोर्ट और राजदारी वॉटरफॉल का मजा ले सकते हैं.
वाराणसी का रामनगर किला तुलसी घाट से गंगा नदी के पार स्थित है. इसे राजा बलवंत सिंह के आदेश पर 1750 ईस्वी में बलुआ पत्थर से बनाया गया था.
इसमें वेद व्यास मंदिर, राजा का निवास स्थान और क्षेत्रीय इतिहास को समर्पित एक संग्रहालय भी है. वाराणसी घूमने आने वाले रामनगर का किला जरूर जाते हैं.
प्रयागराज से रीवा करीब 133 किलोमीटर दूर है. वैसे रीवा मध्य प्रदेश में आता है. हालांकि, यह शहर प्रयागराज के बेहद करीब है. यहां आप भीड़-भाड़ से दूर कई बेहतरीन जगहों की सैर कर सकते हैं.
यहां का रीवा किला बहुत फेमस है. रानी तालाब घूम सकते हैं. यहां पुरबा वॉटरफॉल में करीब 200 फीट ऊंचाई से जमीन पर पानी गिरता है, तो दृश्य को सिर्फ और सिर्फ निहारने का ही मन करता है.
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