वाराणसी में PM मोदी ने सुनाई कविता, कहा- 'बदलते भारत की, यही तो पुकार है'
इस कविता के जरिए उन्होंने समझाने की कोशिश की कि देश तो पहले भी चला और आगे भी बढ़ा, लेकिन अब बदलते भारत दौड़ने को बेताब है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (06 जुलाई) को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान का आगाज किया. उन्होंने टोल फ्री नम्बर से शुरू इस सदस्यता अभियान के दौरान पांच सदस्यों को प्रमाण पत्र भी सौंपा. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पांच ट्रिलियन इकॉनमी को देश कैसे पा सकता है, इसकी दिशा हमने तय कर दी है. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एक कविता कही. इस कविता के जरिए उन्होंने समझाने की कोशिश की कि देश तो पहले भी चला और आगे भी बढ़ा, लेकिन अब बदलते भारत दौड़ने को बेताब है.
वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है,
उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है.
चुनौतियों को देखकर, घबराना कैसा,
इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है.
विकास के यज्ञ में जन-जन के परिश्रम की आहुति,
यही तो मां भारती का अनुपम श्रृंगार है.
गरीब-अमीर बनें नए हिंद की भुजाएं,
बदलते भारत की, यही तो पुकार है.
देश पहले भी चला, और आगे भी बढ़ा.
अब न्यू इंडिया दौड़ने को तैयार है,
दौड़ना ही तो न्यू इंडिया का सरोकार है.
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