मुर्शिदा का पति जुल्फिकार उर्फ कलवा हत्या के एक मामले में वर्ष 2014 से मुरादाबाद जेल में बंद है.
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विनीत अग्रवाल/अमरोहा: मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पारित हो जाने के बावजूद भी तीन तलाक के मामले देश में नहीं रुक रहे हैं. तीन तलाक के मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आठ मुकदमे संसद में बिल पारित होने के बाद दर्ज किए हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में सामने आया है. इसमें सबसे बड़ा चौंकाने वाला तथ्य ये है कि गजरौला की रहने वाली पीड़ित महिला को जेल में बंद उसके पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि, वह बकरीद पर उसके लिए नए कपड़े लेकर नहीं गई थी.
दरअसल, मामला गजरौला थानाक्षेत्र के गांव नौनेर का बताया जा रहा है. यहां की रहने वाली मुर्शिदा का पति जुल्फिकार उर्फ कलवा हत्या के एक मामले में वर्ष 2014 से मुरादाबाद जेल में बंद है. पीड़िता मेहनत मजदूरी कर चार बच्चों का भरण पोषण करती है. समय-समय पर वह जुल्फिकार से मिलाई के लिए जेल भी जाती है. बीती 11 अगस्त को वह पति से मिलने मुरादाबाद जेल गई थी. तंगी के चलते मुर्शिदा पति के लिए ईद-उल-अजहा पर पहनने को नया कुर्ता-पायजामा लेकर नहीं गई. इस पर जुल्फिकार भड़क गया. उसने पीड़िता को बुरा-भला कहना शुरू कर दिया और उसके ऊपर दूसरे लोगों से संबंध होने के इल्जाम तक लगाए.
इसके बाद भी उसका पति नहीं रुका और उसने गुस्से में मिलाई के दौरान ही पीड़िता को तीन तलाक दे दिया. पत्नी ने समझाने की कोशिश तो अपशब्द कहकर उसे भगा दिया. इसके बाद पत्नी ने गांव के साजिद और आसिफ को समझाने के लिए जेल भेजा लेकिन पति नहीं माना. पीड़ित महिला अपने पति की क्रूरता के खिलाफ पुलिस के पास पहुंची तो, पुलिस अधीक्षक ने इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए. गजरौला थाना पुलिस ने जेल से तीन तलाक दिए जाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी है.