कुंभ में पवित्र डुबकी के साथ राजनीतिक सफर शुरू कर सकती हैं प्रियंका गांधी
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कुंभ में पवित्र डुबकी के साथ राजनीतिक सफर शुरू कर सकती हैं प्रियंका गांधी

प्रियंका और राहुल दोनों चार फरवरी को पहले 'मौनी अमावस्या' और उसके बाद 'शाही स्नान' के मौके पर पवित्र स्नान करेंगे.

प्रियंका 4 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव का पदभार भी संभालेंगी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी और पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी पर 'सॉफ्ट हिंदुत्व' अपनाने के आरोपों के बावजूद उनकी बहन प्रियंका गांधी 4 फरवरी को कुंभ मेले में संगम पर पवित्र डुबकी लगाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत कर सकती हैं.

प्रियंका उसी दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव का पदभार भी संभालेंगी. वह राहुल के साथ कुंभ पहुंचेंगी. राहुल की अप्रैल 2015 में उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर में दर्शन के साथ हिंदू धर्म के लिए उत्सुकता शुरू हुई थी. प्रियंका चार फरवरी को लखनऊ में राहुल के साथ संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी.

जानकार सूत्रों के अनुसार, प्रियंका और राहुल दोनों चार फरवरी को पहले 'मौनी अमावस्या' और उसके बाद 'शाही स्नान' के मौके पर पवित्र स्नान करेंगे. लेकिन अगर उन्हें चार फरवरी को पवित्र डुबकी लगाने का मौका नहीं मिलता है तो वे 10 फरवरी को बसंत पंचमी पर और उसके बाद 'शाही स्नान' पर डुबकी लगाएंगे.

यह पहली बार है, जब राहुल और प्रियंका गांधी दोनों संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे. साल 2001 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुंभ मेले में हिस्सा लिया था और पवित्र स्नान किया था.

2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान, जिसमें कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को करारी टक्कर दी थी, राहुल गांधी ने कई मंदिरों के दौरे किए थे और यह सिलसिला जारी रखते हुए कर्नाटक चुनाव के दौरान भी उन्होंने 20 प्रमुख मंदिरों और मठों का दौरा किया था.

भाजपा की ओर से आलोचना के बाद कांग्रेस ने दावा किया था कि राहुल 'जनेऊ धारी' हिंदू हैं. राजस्थान में एक मंदिर में प्रार्थना में दौरान उन्होंने अपना गोत्र 'दत्तात्रेय' बताया था.

इंडिया टुडे-कार्वी मूड के सर्वेक्षण में कहा गया कि 51 फीसदी लोगों ने कहा कि गांधी का मंदिरों का दौरा भाजपा के लिए हिंदुत्व एकाधिकार को चुनौती होगी.

(इनपुट-भाषा)

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