प्रियंका गांधी दोपहर तकरीबन 12 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगी. इसके बाद सड़क मार्ग से वह सीरगोवर्धन स्थित संत रविदास की जन्मस्थली जाएंगी. प्रियंका के आगमन के साथ ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. मंदिर और उसके आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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नवीन पांडे/वाराणसी: वैसे तो उत्तर प्रदेश में दलितों की राजनीति बीएसपी और कुछ बीजेपी के इर्द गिर्द घूमती है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश में दलितों के पास कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं. प्रियंका गांधी रविवार को वाराणसी पहुंचेंगी. दरअसल वह संत रविदास जयंती पर संत रविदास के दर्शन करने के बाद रैदासियों के साथ लंगर खाती भी नजर आएंगी. प्रियंका के स्वागत के लिए वाराणसी में कांग्रेसियों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी दोपहर तकरीबन 12 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगी. इसके बाद सड़क मार्ग से वह सीरगोवर्धन स्थित संत रविदास की जन्मस्थली जाएंगी. प्रियंका के आगमन के साथ ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. मंदिर और उसके आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
हमेशा से राजनीति का केंद्र रहा है रविदास मंदिर
हाल के सालों में रविदास मंदिर राजनीति का नया केंद्र बन चुका है. 90 के दशक में इस मंदिर में सिर्फ बीएसपी नेताओं का ही आना जाना था, लेकिन 2014 के बाद से हालात बदल गए हैं. बीएसपी नेताओं के अलावा अब यहां राजनीति के बड़े चेहरे भी दिखाई पड़ते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेता रविदास मंदिर में मत्था टेक चुके हैं. अब इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी नाम जुड़ने जा रहा है. हालांकि राहुल गांधी भी यहां आकर दर्शन कर चुके हैं.
यूपी में प्रियंका गांधी अपनी मेहनत के बदौलत सियासी जमीन मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं. कभी सीएए प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए यूपी के कोने-कोने जाती हैं, तो कभी किसानों और कानून व्यवस्था का मुद्दा उछालती हैं. इन सबके बीच अब प्रियंका गांधी की नजर उत्तर प्रदेश के दलितों पर टिकी है. हाल के सालों में दलितों का बीएसपी से मोहभंग होता दिखाई दिया है.